T-20 Worldcup 2016: लगातार 4 छक्के जड़कर कार्लोस ब्रेथवेट ने इंग्लैंड के जबड़े से छीन ली थी जीत

कार्लोस ब्रेथवेट के वो चार छ्क्के क्रिकेट के इतिहास में उसी तरह अमर हो गये जैसे 2011 विश्वकप फाइनल में धोनी का छ्क्का क्रिकेट की दुनिया में अमर हो गया.  

Written by - Adarsh Dixit | Last Updated : Apr 3, 2021, 07:48 AM IST
  • आखिरी ओवर में लगे थे चार छक्के
  • दूसरी बार विश्व चैंपियन बना था वेस्टइंडीज
T-20 Worldcup 2016: लगातार 4 छक्के जड़कर कार्लोस ब्रेथवेट ने इंग्लैंड के जबड़े से छीन ली थी जीत

नई दिल्ली: टी-20 क्रिकेट का पहला विश्वकप भले ही भारत ने जीता हो लेकिन इस फॉर्मेट की बादशाहत ज्यादातर वेस्टइंडीज के पास रही है. भले ही बीते दो दशक कैरेबियाई टीम के लिये बेहद निराशाजनक रहे हों लेकिन टी-20 फार्मेट में टीम ने जो प्रदर्शन दिखाया है उसने वेस्टइंडीज में क्रिकेट को दोबारा जीवन दिया. 1975 और 1979 में लगातार दो बार एकदिवसीय क्रिकेट का विश्वकप जीतने वाली ये कैरेबियाई टीम दो बार टी-20 विश्वकप भी जीत चुकी है.

5 साल बाद दूसरी बार टी-20 चैंपियन बना था वेस्टइंडीज

विडीज टीम ने आज से 5 साल पहले इसी दिन कार्लोस ब्रेथवेट के चार छक्कों ने इंग्लैंड के जबड़े से मैच निकाल लिया था और वेस्टइंडीज ने 2016 में दूसरी बार टी-20 विश्वकप जीता.

फाइनल मैच का अंतिम ओवर करने वाले बेन स्टोक्स पर एक ही ओवर में 4 छक्के जड़ना कोई सामान्य बात नहीं थी. इस मैच के बाद स्टोक्स के करियर पर कलंक लग गया था.

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आखिरी ओवर में 4 छक्के जड़कर ब्रेथवेट ने दिलाई थी जीत

156 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम को आखिरी ओवर में विश्वकप जीतने के लिये 19 रनों की आवश्यकता थी. इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने बहुत भरोसे के साथ बेन स्टोक्स को गेंद थमाई.

लेकिन कार्लोस ब्रेथवेट अलग ही मूड में थे. उन्होंने ओवर की पहली ही 4 गेंदों पर लगातार 4 छक्के जड़कर वेस्टइंडीज को दूसरी बार टी-20 क्रिकेट का चैंपियन बना दिया.

आखिरी ओवर में ब्रेथवेट से इतनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की उम्मीद किसी को नहीं थी क्योंकि पूरे विश्वकप में उनका बल्ला खामोश रहा था. ब्रेथवेट के ये छ्क्के उसी तरह अमर हो गये जैसे 2011 विश्वकप फाइनल में धोनी का छ्क्का क्रिकेट की दुनिया में अमर हो गया.

कैरेबियाई टीम ने जीता था टॉस

फाइनल मैच में वेस्टइंडीज के कप्तान डेरेन सैमी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी गेंदबाजी करने का फैसला किया. जो रूट के 56, जोश बटलर के 36 और डेविड विली के 21 रनों की बदौलत इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज के सामने 156 रन का लक्ष्य रखा.

देखने में तो ये टारगेट आसान लग रहा था लेकिन इसे भी हासिल करने में कैरेबियन टीम को नाकों चने चबाने पड़े. फाइनल में वेस्टइंडीज को आखिरी ओवर में जीत मिल सकी.

स्टोक्स नहीं रोक पाए ब्रेथवेट की आंधी

इंग्लैंड को 2019 का विश्वकप जिताने वाले बेन स्टोक्स वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 फाइनल में हार का सबसे बड़ा कारण बन गये थे. विकल्पों के अभाव में मोर्गन ने स्टोक्स को गेंद थमाई थी लेकिन वे कार्लेस ब्रेथवेट की धुआंधार बल्लेबाजी के आगे कुछ नहीं कर सके.

शुरुआती 3 गेंद में 3 छक्के जड़कर उन्होंने मैच ड्रा करा दिया, फिर चौथी ही गेंदपर विजयी छक्का जड़कर इंग्लैंड से दूसरी बार टी-20 में चैंपियन बनने का मौका छीन लिया.

ब्रेथवेट में इस मैच में 10 गेंद में 1 चौके और 4 छक्कों की मदद से 34 रन बनाए थे. हालांकि वेस्टइंडीज की जीत में सबसे बड़े नायक मार्लोन सैमुअल्स थे जिन्होंने 66 गेंद में 85 रनों की नाबाद पारी खेली थी.

इंग्लैंड की ओर से डेविड विली ने 4 ओवर में 20 रन देकर 3 विकेट झटके.

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