नई दिल्लीः IPL 2022: इंडियन प्रीमियर लीग में आए दिन नियमों को लेकर एक नई बहस छिड़ रही है. पहले नो बॉल विवाद, उसके बाद वाइड बॉल देने को लेकर चर्चा, फिर बल्ले और बॉल का संपर्क नहीं होने के बाद भी रोहित शर्मा को थर्ड अंपायर द्वारा कॉट बिहाइंड आउट दिया जाना ऐसे मामले हैं, जो इस सीजन में चर्चा का विषय बने.
क्रिकेट से बेल्स को हटा दिया जाएः मांजरेकर
अब बुधवार को दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच हुए मैच में बेल्स नहीं गिरने पर डेविड वॉर्नर को आउट नहीं दिए जाने के बाद नई बहस छिड़ गई है. भारत के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने इस घटना का हवाला देकर आधुनिक क्रिकेट में बेल्स को हटाने का आह्वान किया है.
आउट होने के लिए बेल्स का गिरना जरूरी
दिल्ली के 161 रनों के सफल लक्ष्य का पीछा करने के दौरान नौवें ओवर में वॉर्नर भाग्यशाली रहे, जब चहल के एक ओवर की आखिरी गेंद उनके बल्ले से लगते हुए स्टंप्स पर जा लगी, लेकिन बेल्स नीचे नहीं गिरी, जिससे वह बाल-बाल बच गए. क्योंकि आउट होने के लिए गिल्लियों का गिरना जरूरी है.
आखिरकार, वॉर्नर 52 रन बनाकर नाबाद रहे. मिशेल मार्श ने 62 गेंदों में 89 रनों की पारी खेली, जिससे दिल्ली को आठ विकेट से जीत मिली.
'चहल को मिल सकता था एक विकेट'
मांजरेकर ने कहा, "मैंने यह पहले भी कहा है, अब एलईडी स्टंप के साथ बेल्स लगाना सही नहीं है. आज चहल को एक विकेट मिल सकता था, जिन्होंने शानदार गेंदबाजी की. आधुनिक क्रिकेट को अब बेल से छुटकारा पाना चाहिए, क्योंकि वे एलईडी तकनीक के साथ खेल रहे हैं."
मांजरेकर ने आगे मैच को तकनीक के साथ तालमेल बिठाने के लिए बेल्स को हटाने का आह्वान किया.
'तकनीक है तो नहीं होने चाहिए बेल्स'
मांजरेकर ने कहा, "अगर आपके पास तकनीक है, तो बेल्स नहीं होने चाहिए. बेल्स के साथ दूसरी समस्या यह है कि जब कोई स्टंपिंग होती है, तो आप उसके जलने का इंतजार करते हैं और फिर आप बात कर रहे होते हैं कि क्या दोनों बेल्स गिरी हैं या नहीं, ऐसे ही रन आउट के दौरान भी देखा जाता है."
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