नई दिल्ली: कहा जाता है कि अगर कोई खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में सफल नहीं होता या खुद को स्थापित नहीं कर पाता तो उसे क्रिकेट की दुनिया में अंतरराष्ट्रीय फलक पर वो सम्मान नहीं मिलता जो एक शानदार टेस्ट क्रिकेटर को मिलता है.
दुनिया भर में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट में तो खूब नाम कमाया लेकिन टेस्ट क्रिकेट में वे कुछ नहीं कर सके. ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं युवराज सिंह.
टेस्ट क्रिकेट में अधिक मौके न मिलने से नाराज हैं युवराज सिंह
T20 क्रिकेट में सबसे पहले एक ही ओवर में 6 छक्के जड़ने वाले युवराज को क्रिकेट से संन्यास लिए दो साल हो चुके हैं लेकिन उन्हें अभी भी इस बात का मलाल है कि वे टेस्ट क्रिकेट में सफल नहीं हो सके. उन्हें कई सालों तक टेस्ट क्रिकेट में केवल 12वें खिलाड़ी की भूमिका निभानी पड़ी. युवराज सिंह ने अपने करियर में 40 टेस्ट खेले हैं.
टेस्ट क्रिकेट में मुझे किया गया नजरअंदाज- युवराज सिंह
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह ने उन्हें नजरअंदाज करने और नियमित रूप से टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका नहीं देने के लिए अपने समय के टीम प्रबंधन पर की आलोचना की है.
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युवराज सिंह ने एक क्रिकेट वेबसाइट द्वारा पोस्ट किए गए एक ट्वीट के जवाब में ट्वीट किया, शायद अगले जन्म में! मैं 7 साल के लिए 12वां आदमी नहीं था.
युवराज सिंह ने खेले 300 से ज्यादा वनडे
वेबसाइट ने अपने फालोअर्स से पूछा था कि वे उस खिलाड़ी का नाम बताएं, जो उनकी नजर में और अधिक टेस्ट मैच खेल सकता था. इसके जवाब में फालोअर्स ने युवराज का नाम लिया था.
बाएं हाथ के बल्लेबाज और भारतीय क्रिकेट में क्रिकेट की गेंद के सबसे साफ हिटर में से युवराज एक ने नौ साल की अवधि में 40 टेस्ट खेले और 1900 रन बनाए हैं. उन्होंने टेस्ट में 3 शतक और 11 अर्धशतक लगाए हैं.
युवराज सिंह ने 304 एकदिवसीय मैच खेले हैं और 278 पारियों में 8 हजार 701 रन बनाए हैं. युवराज ने 14 शतक और 52 अर्धशतक भी जमाये हैं.
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