यह किताब बताती है कि शाह ज्योतिषी भी हैं और शतरंज के खिलाड़ी भी

 राजनीतिक शख्सियतों का जीवन रेखाचित्र गहरे शोध का विषय है. भाजपा नेता अमित शाह इससे अछूते नहीं है. मोदी सरकार के कार्यकाल के इस दौर में उनके कई निर्णय गंभीर दूरदर्शिता को साबित करते हैं. उनकी इसी छवि को 'अमित शाह और भाजपा की यात्रा' पुस्तक में उकेरा गया है. इसे लेखक अनिर्बान गांगुली और शिवानंद द्विवेदी ने शब्द दिए हैं. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन जुड़े हुए हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 17, 2019, 05:45 PM IST
    • अमित शाह ने वर्ष 2006 के बाद विदेश यात्रा नहीं की है
    • डायरी भी लिखते हैं गृहमंत्री अमित शाह
यह किताब बताती है कि शाह ज्योतिषी भी हैं और शतरंज के खिलाड़ी भी

नई दिल्लीः हिंदुस्तान की सियासत का रंग-रुख कुछ ऐसा रहा है कि जब यह पन्नों पर उतरते है तो शब्दों के प्रवाह में कई कहानियां बुनती चली जाती हैं. आप सामने से तो सिर्फ घटनाओं को घटते देखते हैं, लेकिन हर घटना के पीछे घट रही कहानी को देख पाना मुश्किल ही होता है. व्यक्ति विशेष के तौर पर देखें तो राजनीतिक शख्सियतों का जीवन रेखाचित्र तो और गहरे शोध का विषय है. यहां पर निदा फाजली का वह शेर मुक्कमल हो उठता है कि हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी, जिसको भी देखना. यह कलाम इस वक्त सियासत के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह पर और सटीक बैठता है. क्योंकि अभी तक आप पूरी तरह नहीं जानते कि वह आखिर क्या हैं ? 

हम क्या जानते हैं अमित शाह के बारे 
देश के गृहमंत्री शाह के लिए मोदी सरकार के सबसे बड़े गेम प्लानर, भाजपा के चाणक्य जैसे विशेषण प्रयोग किए जाते हैं. इस तरह की बातों से उनकी छवि कुछ ऐसी बनती है, जैसे कोई बड़े डील-डौल वाला शख्स शतरंज की चाल खेल रहा है.

आहिस्ता-आहिस्ता हर प्यांदें पर नजर रख रहा है. या फिर कोई ऐसा जिसके माथे पर चंदन लगा है. चेहरे पर तेज है. गंभीरता युक्त यह व्यक्ति त्रिकालदर्शी है, जिसे सब पहले ही पता चल जाता है. या फिर घटनाएं इसके अनुसार ही होती हैं. अगर यह सारी छवियां बनती हैं तो वाकई यह सच है. दरअसल वास्तव में अमित शाह ऐसे ही हैं.

यह सब पता चलता है इस किताब से
शनिवार को पटना के ज्ञान भवन में 'अमित शाह और भाजपा की यात्रा' पुस्तक पर परिचर्चा का कार्यक्रम रखा गया. जिसकी अध्यक्षता पूर्व लोकायुक्त बिहार आरएन प्रसाद ने की. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सुशील कुमार मोदी थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल मौजूद रहे. यह पुस्तक देश के गृहमंत्री अमित शाह के बारे में लिखी गई है. अमित शाह के जीवन और उनके कार्यों को राष्ट्रीय साहित्य प्रचारिणी और लोकवाणी प्रिंटिंग प्रेस के संयुक्त तत्वावधान में ब्लूम्सबरी ने किताब के रूप में प्रकाशित किया है.

'राजनीति की युद्धभूमि' में बिहार अब क्या नया गुल खिलाने वाला है ?

 राजनीति से अलग व्यकतित्व खुलकर आता है सामने 
पूर्व लोकायुक्त और हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज आरएन प्रसाद ने कहा कि पुस्तक में वह सब दर्ज है जो अमित शाह किसी राजनीतिक मंच से नहीं दिखते हैं. उन्होंने बताया कि अमित शाह को नियमित डायरी लिखने का शौक है और वे शतरंज के अच्छे खिलाड़ी भी हैं.

सुशील मोदी ने बताया कि अमित शाह को ज्योतिष विद्या की भी जानकारी है. अपने बेटे की अंतरजातीय शादी करने वाले अमित शाह ने वर्ष 2006 के बाद विदेश यात्रा नहीं की है. मोदी ने कहा कि अमित शाह और भाजपा की यात्रा अभी रुकेगी नहीं, बल्कि हम इतिहास में ऐसी लकीर खींचेंगे कि आने वाले वर्षों तक देश याद रखेगा.

जनसंघ से भाजपा तक को जानने-समझने की किताब
कार्यक्रम में मौजूद गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पुस्तक को प्रेरणा का स्रोत बताया. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को ये पुस्तक पढ़नी चाहिए. भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि इस किताब को पढ़ना जनसंघ से लेकर भाजपा तक की यात्रा को जानना है.

किताब के लेखक अनिर्बान गांगुली, जो डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक हैं और शिवानंद द्विवेदी जो इसी संस्थान के सीनियर रिसर्च फेलो हैं, ने कहा कि ये पुस्तक सिर्फ राजनीतिक कार्यकर्ताओं को ही नहीं, बल्कि देश की जनता को भी पढ़नी चाहिए. परिचर्चा में भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री नागेंद्र भी मौजूद रहे.

आखिर जिस सीढ़ी से मुकेश अंबानी शीर्ष पर पहुंचे, अनिल उसी से नीचे कैसे उतर आए

ट्रेंडिंग न्यूज़