सरकार की ओर से एक और बड़ी राहत, PPF और सुकन्या समृद्धि योजना के खाताधारकों को लाभ

महामारी को ध्यान में रखते हुए किए गए लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों से निकल नहीं पा रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने ​पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) रिकरिंग डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि योजना के लिए वित्त वर्ष 2019-20 की ​डिपॉजिट डेडलाइन को 30 जून तक के लिये बढ़ा दिया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 12, 2020, 06:58 PM IST
    • इन दोनों योजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2019-20 की ​डिपॉजिट डेडलाइन को 30 जून तक के लिये बढ़ा दिया है.
    • वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करके दी जानकारी
सरकार की ओर से एक और बड़ी राहत, PPF और सुकन्या समृद्धि योजना के खाताधारकों को लाभ

नई दिल्लीः कोरोना के कहर से सबसे अधिक समस्या वित्तीय अनियमितता को लेकर है. लोगों को 21 दिनों तक घर में रहना है और आगे भी लॉकडाउन को बढ़ाए जाने को लेकर आशंकाएं जताई जा रही हैं. इस दौरान जिन क्षेत्रों में वर्क फ्रॉम होम की सहूलियत है, वहां तो लोगों को सैलरी अभी तक मिली है, वहीं कई लोग अब तक की हुई बचत से ही काम चला रहे हैं. लोगों को वित्तीय परेशानियों से बचाने के लिए सरकार हर रोज नए फैसले लेकर राहत देने की कोशिश कर रही है. वित्त मंत्रालय की ओर से दो खास पॉलिसी में राहत दी है. 

डिपॉजिट डेडलाइन बढ़ाई
महामारी को ध्यान में रखते हुए किए गए लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों से निकल नहीं पा रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने ​पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) रिकरिंग डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि योजना के लिए वित्त वर्ष 2019-20 की ​डिपॉजिट डेडलाइन को 30 जून तक के लिये बढ़ा दिया है. वित्त मंत्रालय की ओर से ट्वीट करके इस संबंध में जानकारी दी गई है. 

 

नहीं देनी होगी लेट फीस
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोकथाम के लिये देश में लागू लॉकडाउन को देखते हुए छोटी बचत करने वाले जमाकर्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए पीपीएफ, आरडी तथा सुकन्या समृद्धि खाताधारकों के नियमों में ढील देते हुए डिपॉजिट डेडलाइन को बढ़ाया गया है. बढ़ी हुई समयावधि में पैसा जमा करने पर जमाकर्ताओं को किसी तरह की लेट फीस नहीं देनी होगी.

आयकर में मिलती है छूट
इन छोटी बचत के खातों को सक्रिय रखने के लिये जमाकर्ताओं को हर साल एक तय न्यूनतम राशि जमा कराना होता है. ऐसा नहीं होने की स्थिति में जमाकर्ताओं से लेट फीस ली जाती है. जमाकर्ता सामान्यत: वित्त वर्ष के अंत में इन योजनाओं में पैसे जमा कराते हैं क्योंकि इन योजनाओं में निवेश करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है.

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अधिकतम सीमा है निर्धारत
इन छोटी बचतों में निवेश के लिए अधिकतम सीमा भी निर्धारित की गई है. ऐसे में अधिकतम सीमा तक ही निवेश करने की सलाह दी गई है. अगर कोई व्यक्ति अधिकतम सीमा से अधिक पैसा इन छोटी बचत खातों में जा करा देता है तो अतिरिक्त पैसे पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा और ग्राहक को ये पैसा वापस कर दिया जाएगा.  

मैच्योरिटी डेट 30 जून
डिपॉजिटर्स को अकाउंट आफिस में एक अंडरटेकिंग देनी होगी. इस अंडरटेकिंग में उन्हें इस बात की जानकरी देनी होगी वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान उन्होंने इन अकाउंट्स में अधिकत​म डिपॉजिट ​लिमिट को उन्होंने पार नहीं किया है. मंत्रालय ने यह भी जानकारी इन डिपॉजिट्स पर ब्याज दर वास्तिविक डिपॉजिट के दिन से कैलकुलेट की जाएगी.

यह भी जानकारी दी गई है कि अगर 31 मार्च से 30 जून के बीच इन अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस नहीं है तो भी इस पर कोई चार्ज नहीं देना होगा. साथ ही, 31 मार्च का मैच्योर होने वाले सभी PPF अकाउंट्स की भी मैच्योरिटी डेट 30 जून होगी.

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