हाथियों के हमले से बचाएगा कद्दू! ग्रामीणों का आइडिया कर गया कमाल

पश्चिम बंगाल के ग्रामीणों ने हाथियों के हमले से परेशान होकर एक नया और अनोखा उपाय निकाला. ग्रामीणों का ये उपाय हिट साबित हुआ और कुछ ही दिनों में उन्हें हाथियों के आतंक से छुटाकार मिल गया. वहीं अब ग्रामीणों के इस टैलेंट को राज्य वन विभाग ने सराहा है और इसे लागू करने का विचार किया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 24, 2023, 06:31 PM IST
  • ग्रामीणों की पहल का कायल हुआ वन विभाग
  • हाथियों से बचने के लिए किया अनोखा उपाय

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हाथियों के हमले से बचाएगा कद्दू! ग्रामीणों का आइडिया कर गया कमाल

नई दिल्ली:  उत्तर बंगाल में एक गांव के लोगों ने हाथियों के हमले और उनके आतंक से बचने के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. ये हाथी खाने की तलाश में गांव के अंदर घुसकर तबाही मचाते थे. इसके बाद गांव वालो ने  हाथियों को रोकने के लिए एक कद्दु और कुछ धान का सहारा लिया. 

हाथियों से बचने के लिए ग्रामीणों का अनोखा उपाय 

उत्तर बंगाल में अलीपुरद्वार जिले के लताबाड़ी गांव में बीते कुछ दिनों से हाथियों के आतंक ने लोगों को परेशान करके रखा था. जिसके बाद लोगों ने इससे बचने के लिए गांव के प्रवेश द्वार पर हाथियों के पंसद का खाना रखना शुरू कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा करने से खाने की तलाश में जुटे हाथियों को खाना मिल जाता है और वे संतुष्ट होकर गांव में प्रवेश कर तबाही नहीं मचाते. 

हाथियों के लिए रखा जाता है स्टॉक 

बता दें कि ग्रामीण गांवो के प्रवेश द्वार पर हाथियों के खाने के लिए अनाज का स्टॉक तैयार करते हैं. इस स्टॉक में वो सभी अनाज होते हैं जिनकी वो खेती करते हैं. इस अनाज में मुख्य तौर पर धान और कद्दू होता है. हाथी अपना मनपसंद खाना खाकर बिना कुछ तबाही मचाए चुपचाप वहां से चले जाते हैं. 

ग्रामीणों का ये उपाय होगा लागू 

ग्रामीणों की इस पहल को राज्य वन विभाग के एक अधिकारी ने बाकी जगहों पर भी लागू करने का विचार किया है. वहीं पश्चिम बंगाल के पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक अतानु राहा ने बताया कि ग्रामीणों की ओर से शुरू की गई यह प्रथा बहुत पुरानी है, जिसे उन्होंने दोबारा शुरू की है. यह प्रथा एक धार्मिक भावना से प्रेरित थी, जिसके अनुसार प्रवेश द्वार में रखे खाने को खाकर हाथी संतुष्ट हो जाते हैं और फिर वे गांव में घुसकर तबाही नहीं मचाते.

पेट भरने पर नहीं मचाते आतंक 

अतानु राहा ने आगे बताया कि ग्रामीण खाने को अच्छे से मैनेज करना जानते हैं. वे जानते हैं कि हाथियों के रोज के खाने के लिए वह केवल केवल 50 किलोग्राम धान के साथ लगभग 300 किलोग्राम जंगली वनसपतियों को ही मैनेज कर सकते हैं. इसलिए वे गांव के प्रवेश  द्वार पर धान या कद्दू जैसी चीजों का स्टॉक कर रहे हैं. ये हाथियों का फेवरेट भोजन में से एक है. दरअसल हाथी अक्सर जंगल से सटे गांवों पर आक्रमण करते हैं. वे जितना खाते हैं उससे ज्यादा तो नुकसान कर देते हैं. उनके इस हमले में कई गांव वालो के घर भी नष्ट हो जाते हैं, इसलिए इससे बचने के लिए हाथियों के पसंदीदा भोजन को प्रवेश द्वार पर रख दिया जाता है.

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