कोरोना वायरस के नाम पर ठगी की दुकान भी चालू!

ठगों को लोगों को अपना शिकार बनाने का बहाना मात्र चाहिए. इसके लिए वे नए नए तरीके तलाश करते हैं. ताजा मामला है कोरोना वायरस के नाम पर ठगी का. जिसके जरिए साइबर क्राइम को अंजाम दिया जा रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 13, 2020, 07:09 PM IST
    • कोरोना वायरस के नाम पर ठगी
    • सायबर अपराधी बना रहे हैं लोगों को शिकार
    • कोरोना वायरस से डरा के करते हैं ठगी
    • कोरोना वायरस के नाम पर भेजते हैं मेल
    • मेल खोलते ही हो जाते हैं अकाउंट से पैसे गायब
कोरोना वायरस के नाम पर ठगी की दुकान भी चालू!

मुंबई: साइबर ठगों का एक गिरोह इन दिनों कोरोना वायरस के नाम पर लोगों को अपना शिकार बना रहा है. ये गिरोह जापान और यूरोप के बाद अब भारत में लोगों को शिकार बनाने की फिराक में है.

मेल के जरिए भेजे जा रहे हैं संदेश
अगर आपको कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी देने के दावा करते हुए किसी अनजान मेल, मैसेज या फिर वॉट्सऐप के जरिये मिलती है तो सावधान हो जाइए. ये ठगी का नया तरीका भी हो सकता है. इसके जरिए कोई मेल अटैकर आपके एक क्लिक से आपका बैंक एकाउंट खाली कर सकता है.

इस तरह होती है ठगी
ठगों का ये गिरोह आपके मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप में सेंध लगाकर आपका बैंक अकाउंट साफ़ कर देता है.  आपको अपने जाल में फंसाने के लिए आपको कोई ऐसा मैसेज या ईमेल भेजा जाता है जिसे पढ़कर आप तुरंत मैसेज या ईमेल में भेजे गए लिंक को क्लिक करने के लिए मजबूर हो जाते हैं. क्लिक करते ही आपके अकाउंट से संबंधित जानकारी ठगों के पास पहुंच जाती है और आप ठगी के शिकार बने जाती हैं. 

कोरोना के बहाने हो रही है ठगी
इन दिनों ये गिरोह कोरोना वायरस से जुड़े फ़र्ज़ी ख़बरों को आधार बनाकर लोगों को ईमेल या व्हाट्सप्प पर भेज रहा है.  ताकि आप कोरोना से जुडी जानकारी हासिल करने के लिए तुरंत दिए गए लिंक पर क्लिक कर दें. साइबर क्राइम की दुनिया में इस तरीके को इंटरनेट फिशिंग कहा जाता है.  इस लिंक पर क्लिक करते ही आपके डिवाइस पर इन हैकर्स का कब्ज़ा हो जाता है.  इसके बाद आपके ईमेल आईडी, पासवर्ड, इंटरनेट पिन, डेबिट/क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर, ओटीपी पासवर्ड्स जैसे हर प्राइवेट डेटा में सेंध लग जाती है. इसी डेटा का इस्तेमाल करके ये गिरोह आपके पैसे हड़प कर लेता है.

बड़ी संस्थाओं के नाम का लिया जा रहा है सहारा
 ये हैकर्स आपका भरोसा जीतने के लिए किसी एनजीओ या विश्व स्वास्थ्य संगठन के नाम पर मेल भेजते हैं ताकि कोई शक न हो. इसके अलावा ऐसी भाषा का भी प्रयोग करते हैं कि लोग डर के या फिर उत्सुकता से मेल में दिये लिंक को क्लिक करें और उनका काम हो जाए.

इसलिए कोरोना वायरस को बनाया जरिया
दरअसल पिछले साल के नवम्बर महीने में चीन के वुहान प्रान्त से फैले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को हिला दिया है. हर कोई इस वायरस की खबर से डर हुआ है और इसी का फायदा उठा रहे हैं मेल हैकर्स.  जो जानकारी के नाम पर पहले तो कोरोना वायरस से जुड़ा एक मेल या मैसेज भेजते है और आपको अपने ठगी के जाल में फंसाते हैं.

ठगी से बचने के लिए बरतें एहतियात
महाराष्ट्र साइबर पुलिस द्वारा जारी की हुई एडवाइजरी के मुताबिक,
आपको किसी भी अनजान नंबर या ईमेल आईडी से आये मैसेज, व्हाट्सप्प या ईमेल पर यकीन नहीं करना चाहिए.
मैसेज में आये लिंक पर क्लिक करने के बजाय उसके कंटेंट को सर्च इंजन पर डालकर क्रॉस चेक कर सकते हैं.
अगर खबर/ कंटेंट सच होगा तो उससे जुड़े कई सर्च रिजल्ट्स आपको ऑनलाइन दिखाई देंगे.
कोई भी संदिग्ध मैसेज या लिंक को बिना वेरीफाई किये किसी जान पहचान के लोगों को फॉरवर्ड ना करें वर्ना आपके दोस्त या रिश्तेदार आपके भेजे गए मैसेज पर भरोसा कर लेंगे और आप उनके साथ होनेवाली ठगी की वजह बन सकते हैं.
ऐसे किसी भी संदिग्ध मैसेज की जानकारी आप स्थानीय पुलिस या महाराष्ट्र साइबर पुलिस को दे सकते हैं.

महाराष्ट्र में मिल चुकी हैं शिकायतें
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने जारी किये दिशा-निर्देश, लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. महाराष्ट्र साइबर पुलिस के मुताबिक कोरोना वायरस के नाम पर ठगी का ये प्रचलन जापान और कई यूरोपियों देशों में चलने के बाद अब महाराष्ट्र से भी कुछ शिकायतें मिलने लगी हैं जिसके बाद महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए दिशा निर्देश जारी किये हैं.

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