सावधान दिल्ली: हवा में जहर घुलना हो गया शुरु, बचाव के लिए कीजिए तैयारी

गुलाबी ठंड की शुरुआत के साथ ही दिल्ली की हवा में जहर घुलना शुरु हो गया है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पिछले चार दिनों में हवा की गुणवत्ता का स्तर बुरा हुआ है. दिल्ली की हवा 'खराब' की श्रेणी में पहुंच गई है.   

Last Updated : Oct 14, 2019, 08:15 AM IST
    • दिल्ली में प्रदूषण की शुरुआत
    • हवा में कार्बन कणों की मात्रा बढ़ी
    • पिछले सालों से कम है प्रदूषण
    • लेकिन 15 अक्टूबर से खराब हो सकते हैं हालात
सावधान दिल्ली: हवा में जहर घुलना हो गया शुरु, बचाव के लिए कीजिए तैयारी

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पिछले चार दिनों में हवा की गुणवत्ता का स्तर लगातार खराब होता जा रहा है. रविवार को हवा का गुणवत्ता सूचकांक 266 दर्ज किया गया. जो कि 'खराब' की श्रेणी में आता है. हालांकि फिलहाल पिछले साल जितने बदतर नहीं हैं. लेकिन 15 अक्टूबर से 15 नवंबर का समय वायु गुणवत्ता के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है. 

किसानों की जागरुकता से पराली जलाने में कमी
पिछले चार दिनों में पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा पराली जलाए जाने की घटनाओं में पिछले साल की तुलना में 58 फीसदी कमी आई है. फिर भी पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक 12 अक्टूबर तक पराली जलाने की 630 घटनाएं दर्ज की गई हैं. लेकिन इस साल किसानों में थोड़ी जागरुकता देखी जा रही है. जिसकी वजह से पराली जलाने की घटना में पंजाब में 60 फीसदी, हरियाणा में 48 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 75 फीसदी कमी देखी जा रही है.  

हवा में कार्बन कणों में बढ़ोत्तरी
दिल्ली की हवा में कार्बन की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे द्वारा विकसित प्रदूषण वाच, सफर (सिस्टम ऑफ एयर क्लालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च) इंडिया के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में है. जिसके तहत पीएम 2.5 कण की संख्या 110 है, वहीं पीएम 10 की संख्या 201 पर स्थिर है.सफर के अनुसार, हालांकि पीएम 2.5 की कुल गणना में बाहरी बायोमास जलाए जाने की हिस्सेदारी फिलहाल लगभग दो प्रतिशत है.

ये है वायु गुणवत्ता मापने का आधार 
रविवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 266 पर पहुंच गया। यह सूचकांक शून्य से 50 अंक के बीच रहे तो उसको अच्छा, 51 और 100 के बीच रहे तो संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी का माना जाता है.

प्रदूषण रोकने के लिए ये है सरकार की तैयारी
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र वायु प्रदूषण पैदा करने वाले कारणों पर नजर रखने के लिए सरकार ने जबरदस्त तैयारी की है. इस कार्य के लिये केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 47 निगरानी दल दिल्ली में और पंजाब सरकार द्वारा तैनात लगभग 6000 कर्मचारी वायु प्रदूषण रोकने के लिये निरंतर निगरानी कर रहे हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी सीपीसीबी ने प्रदूषण रोकने के लिए हाल ही में उद्योगों के साथ बैठक की थी.

दिल्ली सरकार है चिंतित
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले चार दिनों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने रविवार को कहा कि प्रदूषण के मोर्चे पर अब तक की मेहनत से जो कुछ हासिल किया था, वह सब शून्य साबित हो जायेगा. दिल्ली के लिए हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है और हम इसके लिए भरपूर कोशिश भी कर रहे हैं। लेकिन पराली जलाने से रोकने के लिये अन्य एजेंसियों को भी एकजुट होकर काम करने की जरूरत है. 

हालांकि राहत की बात यह है कि इस साल प्रदूषण का स्तर उतना बुरा नहीं है, जितना पिछले कुछ सालों से देका जा रहा था. लेकिन इसकी वजह यह भी है कि दस अक्टूबर तक चले मॉनसून की वजह से दिल्ली एनसीआर की हवा में नमी की मात्रा पर्याप्त बनी हुई है जो कि काब्रन कणों को फैलने नहीं दे रही है. लेकिन हवा में कार्बन के कणों की मात्रा नियंत्रित नहीं की गई तो कोहरा फैलने पर हवा में प्रदूषण जानलेवा स्तर तक पहुंच सकता है. 

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