EPFO सब्सक्राइबर्स को मिलता रहेगा 8.5 प्रतिशत ब्याज

जानकारी के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज तय किया गया था, लेकिन अभी तक उसे नोटिफाई नहीं किया गया था. PF पर 8.15 परसेंट रिटर्न के लिए EPFO के पास फंड था

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 9, 2020, 04:11 PM IST
    • EPFO के पास फंड नहीं था, इसकी वजह से संगठन सब्सक्राइबर्स को ब्याज को भुगतान नहीं कर पा रहा था.
    • EPFO अपनी सालाना जमा रकम का 85 परसेंट हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स (जैसे बॉन्ड्स, डिबेंचर वगैरह) में निवेश करता है,
EPFO सब्सक्राइबर्स को मिलता रहेगा 8.5 प्रतिशत ब्याज

नई दिल्ली: PF सब्सक्राइबर्स के लिए राहत भरी खबर है. EPFO की सेंट्रल बोर्ड की मीटिंग में बड़ा फैसला लिया है. कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) के सब्सक्राइबर को 8.5 परसेंट की दर से ब्याज मिलता रहेगा, 

पहले चरण में EPFO अपने सब्सक्राइबर्स को 8.15 परसेंट की दर से ब्याज का भुगतान करेगा, बाकी 0.35 परसेंट ब्याज का भुगतान दिसंबर में किया जाएगा. EPFO सब्सक्राइबर्स को ब्याज देने के लिए अपना इक्विटी में निवेश बेचेगा.
  
क्यों बेचना पड़ सकता है ETF
जानकारी के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज तय किया गया था, लेकिन अभी तक उसे नोटिफाई नहीं किया गया था. PF पर 8.15 परसेंट रिटर्न के लिए EPFO के पास फंड था, 

लेकिन बाकी के 0.35 परसेंट के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) को अपना ETF बेचना होगा, जिसका फैसला बुधवार को हो गया. पहले CBT मार्च में ही ETF होल्डिंग्स बेचना चाहती थी, लेकिन तब बाजार में भारी गिरावट की वजह से यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई थी. यह प्रस्ताव जून तक वैध था, इसे अब दोबारा रिन्यू कराया गया.

ETF निवेश से EPFO को घाटा 
EPFO के पास फंड नहीं था, इसकी वजह से संगठन सब्सक्राइबर्स को ब्याज को भुगतान नहीं कर पा रहा था. यह भी सामने आया था कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिए पिछले पांच साल से किए जा रहे निवेश का रिटर्न EPFO के लिए नेगेटिव में आया है.

EPFO अपनी सालाना जमा रकम का 85 परसेंट हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स (जैसे बॉन्ड्स, डिबेंचर वगैरह) में निवेश करता है, जबकि बाकी 15 परसेंट ETF के जरिए इक्विटी निवेश करता है. इक्विटी निवेश यानि शेयर बाजार आम तौर पर ज्यादा जोखिम वाला होता है, लेकिन रिटर्न अच्छे होते हैं. इस बार कोरोना संकट की वजह से इक्विटी निवेश का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. 

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