नई दिल्ली: बीते एक साल में कोरोना महामारी के कारण रोजगार क्षेत्र प्रभावित रहा है. इस दौरान कर्मचारियों के EPF खाते भी प्रभावित हुए हैं. 


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कई लोगों ने नौकरी बदलने के कारण अपने पुराने PF खातों को बंद कर दिया है. कई खाते लंबे समय से इनएक्टिव रहने के कारण भी बंद कर दिए गए हैं. 


बीते वर्ष की तुलना में अधिक खाते हुए बंद


EPFO के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल से दिसंबर के बीच 71,01,929 EPF खाते बंद कर दिए गए. 


इससे पहले वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान, 66,66,563 EPF खाते बंद कर दिए गए थे. जो कि चालू वित्त वर्ष में बंद हुए खातों की तुलना में 6.5 प्रतिशत कम हैं. 


इन आंकड़ों की जानकारी भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए साझा की. 



इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि साल 2019 की तुलना में साल 2020 में PF खातों से अधिक राशि निकाली गई. 


श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2019 में अप्रैल से दिसंबर के बीच PF खातों से 55,125 करोड़ रुपये निकाले गए. 


जबकि साल 2020 में इसी अवधि के दौरान, साल 2020 में 73,498 करोड़ रुपये PF खातों से निकाले गए. जो कि बीते साल में निकाले गए पैसों की तुलना में काफी ज्यादा है. 


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क्यों बंद हुए PF खाते


श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने जानकारी साझा की है कि साल 2020 में अप्रैल से दिसंबर के बीच 71 लाख नौकरियां गई है. 


विशेषज्ञों का मानना है कि इस अवधि में EPF खाते बंद होने के कई कारण हो सकते हैं. 



नौकरी छूट जाने के कारण कई लोग अपना PF खाता बंद कर देते हैं. 


कई लोग  सेवानिवृत्त होने के बाद अपना PF खाता बंद कर देते हैं. 


कई बार ऐसा भी होता है कि लोग नौकरी बदलने के कारण भी अपना पुराना PF खाता बंद कर देते हैं. 


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