हो जाइए सावधान, अचानक बढ़ सकते हैं डीजल पेट्रोल के दाम

महंगे ईंधन का दौर एक बार फिर से आ सकता है. क्योंकि अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए केन्द्र सरकार डीजल पेट्रोल पर एक्साईज ड्यूटी में बढ़ोत्तरी करने जा रही है. जिसकी वजह से डीजल पेट्रोल की कीमतों में अचानक भारी इजाफा हो सकता है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 27, 2020, 07:23 AM IST
  • डीजल पेट्रोल हो सकता है महंगा
  • बढ़ेगी एक्साइज ड्यूटी
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम हुए कच्चे तेल के दाम
  • लेकिन उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगा फायदा
हो जाइए सावधान, अचानक बढ़ सकते हैं डीजल पेट्रोल के दाम

नई दिल्लीः त्योहारों के सीजन (Festive Season) में महंगाई की मार पड़ सकती है. क्योंकि ख़बर है कि सरकार डीजल और पेट्रोल (Diesel Petrol) पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है. जिसके बाद ईंधन की कीमतों में 6 रुपए तक का भारी इजाफा हो सकता है. इसका असर बाकी उत्पादों पर भी देखा जा सकता है. क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने से सभी चीजों के दाम बढ़ सकते हैं. 

अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए सरकार की तैयारी

कोरोना संकट (Corona pandemic) के दौरान सरकार ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया था. जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था (Economy) पर बोझ बढ़ गया था और सरकार के पास फंड्स की कमी देखी जा रही थी. जिसे पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार डीजल पेट्रोल पर एक्साईज ड्यूटी (Excise duty) बढ़ाने पर विचार कर रही है. हालांकि अभी भी कोरोना संकट खत्म नहीं हुआ है. जिसे देखते हुए खबर है कि सरकार एक और राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है. इन्हीं खर्चों को देखते हुए डीजल पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर खर्चे पूरा करने की तैयारी की जा रही है. लेकिन इसका असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है. क्योंकि डीजल पेट्रोल की कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ने का खतरा है. जो कि पहले से ही कम नहीं है.  

कच्चे तेल की कीमतें कम होने से भी जनता को नहीं होगा फायदा

हालांकि इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में कमी देखी गई है. डीजल पेट्रोल का रॉ उत्पाद यानी पेट्रोलियम के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 45 डॉलर प्रति बैरल थे. जिसमें 5 डॉलर प्रति बैरल की भारी गिरावट देखी गई है. अब अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चा तेल 40 बैरल प्रति डॉलर की कीमत पर बिक रहा है. लेकिन इसका फायदा जनता को मिलने वाला नहीं है. क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में जितनी गिरावट हुई है. सरकार उतना एक्साइज ड्यूटी बढ़ा देगी. यानी मुनाफा सरकार की जेब में चला जाएगा. 

मई में बढ़ी थी एक्साइज ड्यूटी

खजाना भरने के लिए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का तरीका नया नहीं है. इसी साल मुश्किल से 5 महीने पहले यानी मई 2020 में सरकार ने में पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी. फिलहाल उपभक्ता एक लीटर पेट्रोल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर टैक्स चुकाते हैं. वहीं डीजल की हर एक लीटर पर 31.83 रुपये टैक्स लगता है. मई 2014 से पहले पेट्रोल पर कुल 9.48 रुपये प्रति लीटर टैक्स लगता था. वहीं, डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर टैक्स था. क्रूड के सस्ते होने का फायदा भी ग्राहकों को नहीं मिला है. इसके अलावा राज्य सरकारों ने भी अपनी तरफ से कमाई के लिए वैट भी बड़ा दिया है. 

पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी में हर एक रुपये की बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के खजाने में 13,000-14,000 करोड़ रुपये सालाना की बढ़ोतरी होती है. असल में भारत अपनी जरूरतों का करीब 82 फीसदी क्रूड खरीदता है. ऐसे में क्रूड की कीमतें घटने से देश का करंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) भी घट सकता है.

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