देहरादून: नया साल शुरू होते ही उत्तराखंड के अस्पतालों और सरकारी महाविद्यालयों में भर्ती की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है. इस साल के शुरू में ही प्रदेश के पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए नए डॉक्टर जल्दी ही भर्ती किए जाएंगे.
इस वित्तीय वर्ष में 300 से ज्यादा डॉक्टर
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लगातार परेशानी बनी रहती है. तमाम लोग बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए ही पहाड़ों से मैदानों की ओर पलायन कर जाते हैं. लेकिन इस साल के शुरू में ही प्रदेश के पहाड़ी हिस्सों में कई अस्पतालों में डॉक्टर और कई सरकारी डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति होने जा रही है.
डॉक्टरों की भर्ती के लिए उत्तराखंड के चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली है और अब इंटरव्यू के लिए डॉक्टर को बुलाया जाना है. उम्मीद की जा रही है कि यह वित्तीय वर्ष खत्म होते-होते प्रदेश को तीन सौ से ज्यादा डॉक्टर मिल जाएंगे.
नर्सों की भी होगी भर्ती
इसके अलावा उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार को इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों को लागू करने के लिए अस्पतालों में करीब पांच हजार स्टॉफ नर्सों की जरूरत है. इसके लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेजने का निर्देश दिए हैं.
वर्तमान में प्रदेश भर में 1531 स्टॉफ नर्सों के स्वीकृत पदों के विपरीत मात्र 1160 पदों पर नही नर्सें कार्यरत हैं, जबकि 371 पद खाली पड़े हैं. स्वास्थ्य विभाग एक साल में एक हजार नर्सों की नियुक्ति की प्रक्रिया को अभियान के तौर पर चलाने की योजना बना रहा है.
शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया
दूसरी तरफ राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने भी सरकारी डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए 800 से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए तैयारी पूरी कर ली है. उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि जल्दी ही प्रदेश के महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर की जा रही है.
उत्तराखंड में डॉक्टरों, नर्सों और शिक्षकों की भर्ती से हजारों लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा.