क्या है e-RUPI जिसका पीएम मोदी करने वाले हैं उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत

 ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस साधन है  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 2, 2021, 09:26 AM IST
  • कल वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए करेंगे उद्घाटन
  • जानिए इस ऐप की हर खूबी
 क्या है e-RUPI जिसका पीएम मोदी करने वाले हैं उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत

know What is e-RUPI, pm Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त यानी कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक डिजिटल पेमेंट भुगतान प्लेटफॉर्म को लॉन्च करेंगे. इस प्लेटफॉर्म का नाम e-RUPI है और इसे पूरी तरह से कैशलेस और कॉन्टेक्टलेस यानी संपर्करहित बनाया गया है. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि वर्षों से यह सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं कि सरकार और लाभार्थी के बीच लिमिटेड टच पॉइंट्स के साथ, लक्षित और लीक-प्रूफ तरीके से लाभ इच्छित लाभार्थियों तक पहुंचे.
 
जानिए क्या है ये ई रूपी ऐप
ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस साधन है. e-RUPI एक प्री-पैड ई वाउचर है. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है. e-RUPI क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग के आधार पर ई-वाउचर के रूप में कार्य करता है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल फोन तक पहुंचाया जाता है. e-RUPI एक प्री-पैड वाउचर की तरह काम करेगा, इसलिए यह किसी भी मध्यस्थ की भागीदारी के बिना सेवा प्रदाता (Service provider) को समय पर भुगतान करने का भरोसा देता है. 

लेनदेन के बाद ही भुगतान
ई-रुपी, सेवाओं के स्पॉन्सर्स को बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं से जोड़ता है. साथ ही यह भी सुनिश्चित करता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान हो. ई-रुपी की प्रकृति प्री-पेड (Prepaid) है, लिहाजा यह किसी भी मध्यस्थ (Intermediary) की भागीदारी के बिना सेवा प्रदाता को समय पर भुगतान का आश्वासन देता है.

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कहां हो सकता है इस्तेमाल
कल्याणकारी सेवाओं की लीक-प्रूफ डिलीवरी सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी पहल होने की उम्मीद है. इसका उपयोग मातृ एवं बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवा व न्यूट्रीशनल सपोर्ट उपलब्ध कराने वाली स्कीम्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत ड्रग्स व डायग्नॉस्टिक्स, उर्वरक सब्सिडी आदि जैसी योजनाओं के तहत सेवाएं देने के लिए भी किया जा सकता है. यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में इन डिजिटल वाउचर का लाभ उठा सकते हैं.

 

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