मुंबई: यहां के कांदिवली इलाके में उस समय अफरा तफरी मच गई, जब स्थानीय लोगों ने कथित 'नकली' अंडों को ज़ब्त कर पुलिस को सौंपा. पुलिस ने इन अंडो को महाराष्ट्र फ़ूड एंड ड्रग विभाग को जांच के लिए सौंप दिया है.
नकली अंडों की संभावना कम
हालांकि FSSAI और FDA का मानना है कि बाज़ार में नकली या कृत्रिम अंडों की बिक्री की संभावना नहीं के बराबर है. क्योंकि FSSAI के मुताबिक नकली अंडों के उत्पादन का खर्च असली अंडों की कीमत से कई गुना ज्यादा होता है. इसलिए इसे मुनाफ़ा कमाने के उद्देश्य से नहीं बनाया जा सकता. लेकिन ताज़ा मामले में जब्त किये अंडों की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही ये साफ़ होगा कि वे नकली अंडे हैं या बासी.
इस वजह से लोगों को हुआ शक
ये अंडे लोगों ने खरीदे थे. लेकिन उन्हें इनके नकली होने का शक हुआ. क्योंकि-
- इन अंडों से कोई गंध नहीं आ रही थी
- अंडों को फोड़ने के बाद इसके छिलके की अंदरूनी सतह पर प्लास्टिक नुमा पदार्थ दिखाई दे रहा था
- अंडों को फोड़ने के बाद उसकी पीली जर्दी गाढ़ी न होकर पानी की तरह तरल होता है और वो सफ़ेद लिक्विड से मिल जाता है.
- इन अंडो का स्वाद आम अंडो से अलग है.
इन्ही वजहों से लोगों को शक हुआ कि ये प्लास्टिक के नकली अंडे हैं. इलाके के लोग इतने ख़ौफ़ज़दा हैं कि उन्होंने अंडा खाना ही बंद कर दिया है.
पानी से करें अंडों की पहचान
FSSAI का कहना है कि अंडों की ताजगी और असलियत जांचने का तरीका बेहद ही आसान है. फ्रेश अंडों की जांच के लिए उसे एक गिलास पानी में डालें. असली अंडा नीचे बैठ जाएगा. थोड़ा पुराना अंडा नीचे सीधा खड़ा हो जाएगा. लेकिन ज्यादा पुराना (बासी) अंडा तैरने लगेगा और ऊपर आ जाएगा.
नकली अंडे ऐसे होते हैं
- बासी या नकली अंडों से कोई गंध नहीं आती
- नकली अंडों की सतह कोई चमक नहीं होती, इसकी सतह थोड़ी खुरदरी होती है
- बासी अंडों को फोड़ने के बाद इसके छिलके की अंदरूनी सतह पर प्लास्टिक नुमा पदार्थ दिखाई दे सकता है
- ताज़ा अंडों को फोड़ने के बाद उसकी पीली जर्दी बिलकुल तरल न होकर थोड़ी गाढ़ी होती है
- FSSAI ने बताया है कि ग्राहक उन्हीं दुकानों या स्टोर्स से अंडे खरीदें, जहां उन्हें रेफ्रिजरेटर में या उचित वातावरण में रखा गया हो