नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया. अब देश के सभी सहकारी बैंक RBI की निगरानी में काम करेंगे. इससे देश के करोड़ों लोगों का लाभ होगा. इस फैसले के तहत अब देश के सभी सहकारी बैंक (अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक हो या मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक) रिजर्व बैंक की निगरानी में आएंगे.
RBI के नियमों के तहत होगा ऑडिट
आपको बता दें कि इस फैसले के बाद से सभी सहकारी बैंकों का निरीक्षण रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के अंतर्गत होगा. हालांकि कोई भी प्रशासनिक काम मे RBI की दखलंदाजी नहीं होगी लेकिन इसके आर्थिक लेनदेन और कामकाज की समीक्षा RBI के दिशा निर्देश के अनुसार की जाएगी.
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कई बैंकों में हुए अरबों के घोटाले
उल्लेखनीय है कि पंजाब नेशनल बैंक और PMC समेत कई बैंकों में भीषण और खरबों रुपये के घोटाले सामने आए हैं. इसकी वजह से देश के करोड़ों लोगो की जिंदगी तबाह हो गयी थी. विपक्ष भी मोदी सरकार के काम करने के तरीके पर सवाल उठा रहा था. को-ऑपरेटिव बैंक में नियमों की अनियमितता का खुलासा होने के कारण अब मोदी सरकार ने ये बड़ा बदलाव किया है.
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आपको बता दें कि बैंक घोटाले का सबसे बड़ा उदाहरण पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक है. इस बैंक ने रिजर्व बैंक के कई नियमों का उल्लंघन तो किया ही, साथ ही केंद्रीय बैंक को गुमराह भी किया. पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट पर आरोप है कि नियमों को ताख पर रखकर हाउिसंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (HDIL) को लोन दिया गया. बैंक ने यह कर्ज HDIL को ऐसे समय में दिया जब यह कंपनी दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही थी.