नई दिल्ली. रमजान के पाक महीन में रोजा रखने की प्रथा को दुनियाभर में इस्लाम धर्म के अनुयायी पूरी आस्था के साथ मनाते हैं. हालांकि महीनेभर के उपवास का यह धार्मिक नियम केवल इस्लाम धर्म से जुड़ा नहीं है. यह प्रथा इस्लाम से पहले के समय भी मौजूद थी. 622 ईसवी में पैगंबर हजरत मोहम्मद ने इस प्रथा को एक नियम या व्यवस्था में तब्दील कर दिया. कुरान में इसका जिक्र है. यहां तक कि कुरान में भी इस नियम का जिक्र करते वक्त इसे पहले से मौजूद एक व्यवस्था बताया गया है.
इसी बात में उस बहस का मूल भी छुपा है कि रमजान का असली नाम क्या है यानी Ramzan या फिर Ramadan. दरअसल रमादान (Ramadan) का वास्तविक अर्थ होता है 'बेइंतेहा गर्मी'. यानी गर्मी का वह महीना जिसमें एक महीने का उपवास रखा जाता था. लेकिन सातवीं शताब्दी में इस्लामिक कैलेंडर अपनाने के बाद यह महीना साल भर शिफ्ट होता रहता है.
प्री-इस्लामिक अरब के लोग पवित्र महीने के विचार से परिचित थे
इस्लामिक हिस्ट्री एंड इंस्टीट्यूशंस नाम की किताब में लेखक एसडी गोएतिन लिखते हैं-प्री-इस्लामिक अरब के लोग पवित्र महीने के विचार से परिचित थे. कुरान के कुछ पैराग्राफ के मुताबिक और कुछ मौखिक इस्लामिक प्रथाओं के मुताबिक प्राचीन अरब के लोग भी इस महीने से वाकिफ थे. मौखिक प्रथाओं में इस महीने को अरब क्षेत्र की विभिन्न योद्धा जनजातियों के बीच शांति और संधि महीने के रूप में जाना जाता था.
पहले ऐसे उपवास रखने वाला समुदाय मुहम्मद साहब को मिला
कहते हैं कि मक्का से मदीना आने के बाद मोहम्मद साहब को एक ऐसा समुदाय मिला था जो पहले ऐसे उपवास रखता था. मोहम्मद साहब ने शुरुआत में कुछ दिनों के उपवास की व्यवस्था की थी. इन दिनों की संख्या 10 थी. शुरुआत में यह एतिकाफ़ के रूप में चलती रही. बाद में इसे एक महीने के पीरियड में बदल दिया गया.
वर्तमान रमजान का प्रारूप सदियों में बना
कहते हैं कि यह प्रथा बाद में तीस दिनों को चीन चरणों में बांटकर मनाई जाने लगी. हर चरण में दस दिन होते थे. पहले चरण में उपवास दया मांगने के लिए, दूसरे चरण में क्षमा करने के लिए और तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण है एतिकाफ. यानी 'नर्क की भीषण आग से बचाने के लिए'.
वर्तमान में जिस प्रारूप में दुनियाभर में रमजान मनाया जाता है वह कई सदियों में बनी इस्लामिक प्रथाओं से तैयार हुआ है. हालांकि पवित्र महीने के रूप में उपवास मनाए जाने की प्रथा इसके संस्थानीकरण या फिर खुद इस्लाम धर्म से पुरानी रही है.
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