सेंसेक्स में 1,100 अंकों से ज्यादा की गिरावट, आज क्यों शेयर बाजार इतना गिरा?

Sensex News: दोपहर 2:50 बजे सेंसेक्स 1041.18 अंक गिरकर 76,337.73 पर था, जबकि एनएसई निफ्टी 50 329.70 अंक गिरकर 23,101.80 पर कारोबार कर रहा था. दोपहर के कारोबारी सत्र के दौरान अस्थिरता बढ़ने के कारण अन्य सभी व्यापक बाजार सूचकांक नकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Jan 13, 2025, 04:37 PM IST
  • सेंसेक्स में 900 अंकों की गिरावट, निफ्टी में 300 अंकों से ज्यादा की गिरावट
  • गिरावट के बाद निवेशकों की संपत्ति में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी
सेंसेक्स में 1,100 अंकों से ज्यादा की गिरावट, आज क्यों शेयर बाजार इतना गिरा?

Stock market: बेंचमार्क शेयर बाजार सूचकांकों में सोमवार को भारी गिरावट आई, जिसमें सेंसेक्स 1,100 अंक और निफ्टी 300 अंक से अधिक गिर गया. शेयर बाजार में व्यापक बिकवाली देखी गई, जिससे निवेशकों की संपत्ति 13 लाख करोड़ रुपये घट गई.

दोपहर 2:50 बजे सेंसेक्स 1041.18 अंक गिरकर 76,337.73 पर था, जबकि एनएसई निफ्टी 50 329.70 अंक गिरकर 23,101.80 पर कारोबार कर रहा था. दोपहर के कारोबारी सत्र के दौरान अस्थिरता बढ़ने के कारण अन्य सभी व्यापक बाजार सूचकांक नकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे.

Add Zee News as a Preferred Source

निफ्टी के सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी नकारात्मक में कारोबार कर रहे हैं, निफ्टी रियल्टी में करीब 6% की गिरावट आई है. निफ्टी ऑटो और निफ्टी मेटल भी प्रतिशत के लिहाज से सबसे ज्यादा गिरावट वाले रहे.

हालांकि, बैंकिंग, वित्तीय और आईटी शेयरों में तेज गिरावट के कारण गिरावट आई, जो सत्र के आगे बढ़ने के साथ बढ़त बनाए रखने में विफल रहे.

HDFC बैंक और ICICI बैंक जैसे प्रमुख बैंकिंग शेयरों में गिरावट के कारण शेयर बाजार में गिरावट आई. निफ्टी 50 के 50 में से केवल तीन शेयर नकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे, जो दलाल स्ट्रीट पर खराब स्थिति को दर्शाता है.

बाजार में इस उथल-पुथल के पीछे क्या है?
आज शेयर बाजार के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए मुख्य रूप से कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया गया है, जिसने निवेशकों की भावनाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बाजार को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. दिसंबर में अमेरिका में जॉब्स बढ़ी, जिसमें 2.56 लाख नई नौकरियां लगी. लेकिन इसने अब 2025 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा कई दरों में कटौती की उम्मीदों को कम कर दिया है.

उनके अनुसार, अमेरिकी आर्थिक परिदृश्य में यह बदलाव, साथ ही डॉलर में मजबूती ने उभरते बाजारों की मुद्राओं पर भारी असर डाला है, जिसमें रुपया भी शामिल है, जो डॉलर के मुकाबले 86.39 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया.

इसके अलावा, वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि, जिसमें ब्रेंट क्रूड 81 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गया, इसने मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं को फिर से जगा दिया है, जिससे बाजार की धारणा और भी खराब हो गई है. वैश्विक व्यापक आर्थिक माहौल, साथ ही निरंतर विदेशी निकासी ने भारतीय इक्विटी के लिए निवेश आकर्षित करना और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है.

अमेरिकी मौद्रिक नीति को लेकर जारी अनिश्चितता और नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक रणनीतियों के संभावित प्रभाव ने वैश्विक बाजारों में मंदी की भावना को बढ़ा दिया है, जिससे भारत जैसे उभरते बाजारों से और अधिक निकासी हो रही है.

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.  

About the Author

Nitin Arora

लिखने के शौकीन हैं, पिछले 6 सालों से अधिक समय से मीडिया के कई अलग-अलग संस्थानों में काम कर चुके हैं और फिलहाल Zee News की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं. यहां जनरल न्यूज व नेशनल, इंटरनेशनल खबरों पर एक्सप्लेनर लिखते हैं और साथ ही डिफेंस की खबरों पर भी अच्छी पकड़ है. ...और पढ़ें

ट्रेंडिंग न्यूज़