घाटी के 25 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस शुरू किए गए

जहां भारत को पाकिस्तान हर मंच पर आर्टिकल 370 पर घेरने की कोशिश करता रहा है, लेकिन हर बार भारत ने पाकिस्तान को इसका मुंह तोड़ जवाब दिया है. जब से आर्टिकल 370 हटाई गई है तब से घाटी की स्थिति में अविश्वसनीय सुधार देखे जा रहे हैं चाहे वह सुरक्षा के क्षेत्र में हो या फिर शिक्षा के क्षेत्र में.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 31, 2020, 08:10 PM IST
    • श्रीनगर में 25 सरकारी स्कूलों को 'स्मार्ट स्कूल' स्थापित किए
    • 4.80 करोड़ के लागत से बने ये स्कूल एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हैं
घाटी के 25 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस शुरू किए गए

श्रीनगर: जब से जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 का अंत हुआ है, तब से कश्मीर की सूरत बदल गई है. तस्वीर के साथ साथ तकदीर भी बदल रही है. जिसके तहत श्रीनगर के स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे छोटे बच्चों के लिए स्मार्ट क्लासेस बनाए जा रहे हैं.. 

शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बनाई जा रही हैं स्मार्ट क्लासेस
कश्मीर घाटी में शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. जम्मू और कश्मीर सरकार ने श्रीनगर में 25 सरकारी स्कूलों को 'स्मार्ट स्कूल' स्थापित किए हैं. नए लॉन्च किए गए स्कूल लाइब्रेरी, साइंस लेबोरेटीज, स्मार्ट क्लासेस और अन्य ऐसी सुविधाओं से लैस हैं. घाटी के छात्रों और युवाओं को प्रदान की जाने वाली शिक्षा में एक नए बदलाव की उम्मीद है. 

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जिला कमिश्नर ने तैयार किया कॉन्सेप्ट
4.80 करोड़ के लागत से बने ये स्कूल एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हैं. पूरे स्कूल को नए तर्ज पर निर्माण, शिक्षा देने का तरीका बदलना, स्कूलों को नवीनतम और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर देना शामिल है. श्रीनगर जिला कमिश्नर के मार्गदर्शन में बने ये स्कूल घाटी में सरकारी सकोलों में शिक्षा का एक नया अध्याय लिखने की उमीद हैं. श्रीनगर के डिप्टी सीओ शबिर अहमद के मुताबिक, "यह जिला कमिश्नर का कॉन्सेप्ट है जो श्रीनगर में लॉन्च किया जा रहा है. दिल्ली में जो सरकारी सकूलों में सुविधाएं दी गई हैं, वो यहां भी देनी की कोशिश की गई है. इसमें स्मार्ट बोर्ड है, एलसीडी है, टीवी है, फर्नीचर है. उम्मीद है कि यह कॉन्सेप्ट लोगों को आकर्षित हो करेगा. शुरुआती तौर पर 25 स्कूलों में इसे प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है. 

स्मार्ट क्लास को लेकर बच्चे में दिखी खुशी
इस कदम से छात्र भी बेहद खुश दिख रहे हैं. वह सरकार की सराहना करते दिखे. उनका कहना है कि इसे उन्हें काफी फायदा होगा. एक स्कूली छात्रा मेहविश ने कहा "बहुत अच्छा है. प्राइवेट स्कूल भी इतने अच्छे नहीं हैं. हमें बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है. हमारा स्कूल इतना अच्छा बना है. अब पढ़ाई और अच्छे से होती है, जो पहले ऐसा नहीं था. सुविधाएं बहुत अच्छी हैं." छात्रों ने कहा "हमारे यहां यह सब पहले नहीं था. हमें लाइब्रेरी मिली, कंप्यूटर मिले, एलईडी भी अब यहां है. सब कुछ हमें मिलता है. यह अच्छा स्कूल बन गया है. ये मॉडल स्कूल बने हैं. प्राइवेट स्कूल में ऐसी पढ़ाई नहीं होगी जैसी यहां होती हैं."  

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