अब इसके बाद कश्मीर में अच्छे दिन आने वाले हैं, जानिए कैसे

कश्मीर में आम जनजीवन अब जल्द सामान्य हो जाएगा, उसका प्रमाण इस सरकारी योजना के आंकड़े दिखाने लगे हैं. क्या है कश्मीर की आवाम के लिए अच्छी खबर और कैसे आने वाले हैं कश्मीर में अच्छे दिन, आइए जानते हैं...  

Last Updated : Oct 14, 2019, 02:17 PM IST
    • 2018 के लाभार्थियों के मुकाबले 2019 में 2000 तक बढ़ी
    • 3 लाख रूपए तक की सरकारी मदद
अब इसके बाद कश्मीर में अच्छे दिन आने वाले हैं, जानिए कैसे

नई दिल्ली: भारत का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर में हालात धीरे-धीरे न सिर्फ बेहतर होते जा रहे हैं बल्कि घाटी में शिक्षा का प्रचार-प्रसार भी बढ़ रहा है. अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से घाटी में आए बड़े बदलावों में एक बदलाव ऐसा है जो कश्मीर में जम्हूरियत को बहाल करने में आगे बड़ी भूमिका निभा सकता है. इस जम्हूरियत का रास्ता शिक्षा से हो कर गुजरता है और शायद कश्मीर के लोग इस अहमियत को समझने लगे हैं. 

दरअसल, कश्मीर में इस साल प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत कुल 5000 निर्धारित की गई संख्या में से संघीय प्रदेश के 4500 छात्रों को देश भर के अलग-अलग कॉलेज व विश्वविद्यालयों में नामांकन से ले  कर रहने-खाने तक के लिए छात्रवृत्ति राशि दी गई है. इस स्कॉलरशीप प्रोग्राम से इस साल सबसे अधिक छात्रों ने लाभ उठाया हे. दिलचस्प बात ये है कि घाटी से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद इतनी बड़ी संख्या में छात्रों की शिक्षा पाने के प्रति रूचि इस बात का प्रमाण है कि कश्मीर के लोग बदलते हालात में ढ़लने को पूरी तैयार हैं. 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से भी निकले अच्छे परिणाम

इन 4500 छात्रों में से 2400 जम्मू से, 1474 कश्मीर से तो बाकी बचे 626 लद्दाख  से हैं जो महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान के विभिन्न विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. यह संख्या 2018 के लाभार्थियों के मुकाबले 2019 में 2000 तक बढ़ी है. 2018 में यह संख्या 2500 ही थी जबकि 2017 में तकरीबन 3000. इस संख्या में इतने बड़े बदलाव का एक कारण सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप भी है. दरअसल, घाटी से विशेषाधिकार को समाप्त किए जाने के बाद से ही वहां सामान्य जनजीवन के अलावा पाबदियां लगाई गईं थीं, जिसकी वजह से कश्मीरी छात्रों के एडमिशन को ले कर उच्चतम न्यायालय ने विश्वविद्यालयों को रियायत बरते जाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार घाटी के छात्रों के लिए नामांकन की तारीख 15 अगस्त से बढ़ा कर 15 सितंबर कर दी गई, जिसका फायदा अब दिखने लगा है. 

क्या है PMSSS और किसे मिलता है इसका लाभ 

प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना(PMSSS) यूपीए सरकार की दूसरी पारी में लाया गया था जिसके तहत कश्मीर के 5000 छात्रों को देशभर के विभिन्न संस्थानों में अलग-अलग कोर्स में एडमिशन से ले कर वहां रहने-खाने तक का सारा खर्च सरकार अपने कोष से देती है. ये छात्र किसी भब पाठ्यक्रम में चाहे वो इंजिनियरिंग हो मेडिकल हो फार्मेसी हो नर्सिंग हो होटल मैनेजमेंट हो आर्किटेक्चर हो या कॉमर्स हो, इन सभी क्षेत्रों में नामांकन का लाभ उठा सकते हैं. इस योजना के तहत सामान्य डिग्री के लिए 30,000 से ले कर मेडिकल व प्रोफेशनल डिग्री के लिए 3 लाख रूपए तक सरकारी मदद दी जाती है. इसके अलावा सरकार छात्रों  को मेंटेनेंस के लिए 1 लाख रूपए तक की राशि उपलब्ध कराती है. हाल के दिनों में इसके बजट में लगातार इजाफा भी किया गया है. 

कश्मीर में ऐसे हालातों के बावजूद इस तरीके के प्रोग्राम घाटी के लिए अच्छे संकेत हैं. अब  इन योजनाओं के क्या परिणाम निकलते हैं, ये आगे समीक्षा का विषय हो सकता है. 

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