क्या हैं e-RUPI के फायदे? पीएम मोदी ने किया डिजिटल पेमेंट की क्रांति का आगाज

पीएम मोदी ने डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन (Digital Payment Solution) e-RUPI का उद्घाटन किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में जुड़े और कहा कि गरीबों की मदद में तकनीक मददगार होगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 2, 2021, 09:33 PM IST
  • डिजिटल इंडिया की ओर एक और कदम
  • प्रधानमंत्री ने किया e-RUPI का उद्घाटन
क्या हैं e-RUPI के फायदे? पीएम मोदी ने किया डिजिटल पेमेंट की क्रांति का आगाज

नई दिल्ली: भारत सरकार ने देश की सरकारी योजनाओं का फायदा सीधे जनता तक पहुंचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज से देश में ई-रूपी डिजिटल पेमेंट सिस्टम की शुरुआत की है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से ये सिस्टम डेवलप किया गया है. जिसमें वित्त मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय जैसे विभागों की भी मदद ली गई है.

अब e-RUPI से डिजिटल पेमेंट की क्रांति

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 'आज देश, डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है. e-RUPI वाउचर, देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन को, DBT को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है. इससे Targeted, Transparent और Leakage Free Delivery में सभी को बड़ी मदद मिलेगी.'

उनहोंने कहा कि 'पहले कुछ लोग कहते थे कि टेक्नोलॉजी तो केवल अमीरों की चीज है, भारत तो गरीब देश है, इसलिए भारत में टेक्नोलॉजी का क्या काम? लेकिन आज देश ने उन लोगों की सोच को नकारा भी है और गलत भी साबित किया है.'

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि 'हमारी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की. आज तक देश में 23 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी और ठेले वालों को इस योजना के तहत मदद दी गई है. देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए जो काम हुआ है, उसका लोहा आज दुनिया मान रही है.'

सरकार अब पैसा नहीं वाउचर देगी

आप सोचेंगे कि ये ई-रूपी वाला सिस्टम है क्या और कैसे काम करेगा. तो आपको ये जानना चाहिए कि e-RUPI कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस डिजिटल पेमेंट सिस्टम है. यानी इसमें सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने वाले के हाथ में न तो नकद रुपये मिलेंगे और न ही उन्हें किसी को नकद रुपये देने पड़ेंगे.

SMS से पेमेंट, जनता को नो टेंशन

ये मोबाइल फोन में SMS या QR कोड के जरिये लाभुक तक पहुंचाया जाएगा. मतलब, अब अगर सरकार आपके खाते में कोई रकम डालना चाहती है तो वो रुपये की शक्ल में नहीं होगा. वो वाउचर की शक्ल में होगा. उस वाउचर का इस्तेमाल आप सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में कर सकेंगे.

जैसे मान लीजिए अभी आपको गिफ्ट वाउचर मिलते हैं. उस तय रकम की खरीददारी आप मुफ्त में कर सकते हैं या तय सेवा का फायदा उठा सकते हैं, लेकिन वाउचर में दी गई रकम का इस्तेमाल आप दूसरी तरह नहीं कर सकेंगे.

जनता का पैसा जनता के काम आएगा

इसी तरह ये सरकारी वाउचर होगा. जिसके जरिये लाभुक और सरकार या लाभुक और सेवा देने वाले संस्थान जैसे अस्पताल वैगरह के बीच डिजिटल लेनदेन किया जा सकेगा. इससे देश के बड़े बैंक जुड़े होंगे. सरकार या कॉरपोरेट एजेंसी भी उन बैंकों से जुड़ी रहेगी. और इस तरह सरकारी योजनाओं का इस्तेमाल लाभुक उठा सकेंगे.

न ऐप चाहिए, न इंटरनेट, भुगतान हो जाएगा

e-RUPI क्या है? इसे भी समझ लीजिए. ये पेमेंट का कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीका है. QR code या SMS स्ट्रिंग आधारित ई-वाउचर है. लाभार्थियों के मोबाइल पर e-RUPI भेजा जाता है. वाउचर रिडीम के लिए कार्ड, ऐप या ई-बैंकिंग की जरूरत नहीं. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने डेवलप किया. वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सहयोग किया. ऑनलाइन पेमेंट को ज्यादा आसान बनाना लक्ष्य है. ऑनलाइन पेमेंट को सुरक्षित बनाने का उद्देश्य है.

आप सोचेंगे कि वो फायदे तो लोग अब भी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिये उठा रहे हैं, तो ये नया इंतजाम क्यों, तो आप इसके फायदे जानिए..

e-RUPI के क्या फायदे हैं?

पहली बात की ये बिल्कुल सुरक्षित होगा, कैशलेस, कॉन्टैक्टलेस होने से प्रोसेसिंग भी कम आएगा, वाउचर देने वाला यानी सरकार या एजेंसी पता लगा सकेगी कि वाउचर कहां रिडीम हुआ, उपर से जनता को सरकारी स्कीम का फायदा उठाने के लिए कोई कार्ड लेकर नहीं चलना होगा. कोई डिजिटल पेमेंट वाला मोबाइल एप्लिकेशन नहीं चाहिए होगा, कोई इंटरनेट नहीं चाहिए होगा.

आप सोचेंगे कि अभी इसकी जरूरत क्या थी, तो आपको जानना चाहिए कि ये डिजिटल करेंसी लाने की दिशा में सरकार का पहला कदम है. बिना फिजिकल इंटरफेस के ट्रांजेक्शन हो सकेगा. लेनदेन पूरा होने के बाद ही भुगतान होगा. किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना भुगतान हो सकेगा. ये भ्रष्टाचार रोकने की दिशा में अहम कदम है.

क्योंकि इसे लागू करने से भारत में डिजिटल पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमियों के बारे में पता चल सकेगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले दिनों ये संकेत भी दिये थे कि डिजिटल करेंसी की शुरुआत करने के लिए चरणबद्ध योजनाएं बनाई जा रही है.

वैसे आपको बता दें कि दुनिया में अमेरिका से लेकर कोलोम्बिया, चिली, स्वीडन, हांगकांग जैसे कई देशों में डिजिटल वाउचर्स से सरकारी योजनाओं का फायदा सीधे लाभुक तक पहुंचाने का काम किया जाता है.

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