नई दिल्लीः केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के पंजीकरण और कार्यों के लिए मसौदा अधिसूचना जारी कर दी है. इसे जारी करते हुए मंत्रालय ने दावा किया है कि ये संशोधन नियमों पर प्राप्त फीडबैक के आधार पर किए गए हैं और इनके जरिए सभी हितधारकों, जैसे वाहन मालिकों, आरवीएसएफ ऑपरेटरों, डीलरों, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों आदि के लिए वाहन स्क्रैपिंग की प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाने का प्रयास किया गया है.


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मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मोटर वाहन (पंजीकरण और वाहन स्क्रैपिंग सुविधा संशोधन कार्य) नियम, 2022 से संबंधित मसौदा अधिसूचना को 10 मार्च 2022 को जारी कर दिया गया है. ये मोटर वाहन (पंजीकरण और कार्य) में संशोधन हैं. 


ये नियम पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) की स्थापना के लिए प्रक्रिया निर्धारित करते हैं. व्यवसाय करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को समयबद्ध बनाया गया है.


ऑनलाइन आवेदन करने का प्रावधान
नए नियमों के मुताबिक, वाहन स्क्रैपिंग के लिए डिजिटल रूप से आवेदन किए जाने का प्रावधान है. वाहन मालिक स्क्रैपिंग के लिए सभी आवेदन डिजिटल रूप से जमा करेंगे. आरवीएसएफ वाहन मालिकों को अपने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए डिजिटल रूप से आवेदन करने में मदद करने के लिए सुविधा केंद्र के रूप में कार्य करेगा.


आपराधिक रिकॉर्ड की होगी जांच
वाहन मालिक की ओर से आवेदन जमा किए जाने से पहले वाहन डेटाबेस के आधार पर जांच का भी प्रावधान किया गया है. किराया-खरीद या पट्टा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के रिकॉर्ड में वाहन के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, वाहन पर कोई बकाया नहीं है, और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों की ओर से वाहन को ब्लैकलिस्ट में डाले जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है, इन सभी स्तरों पर वाहन की जांच की जाएगी और इनमें से किसी भी जांच में विफल रहने वाले वाहन मालिकों का आवेदन जमा नहीं लिया जाएगा.


वाहन जमा करने के समय और इसके बाद की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए भी कई नियमों का प्रावधान इसमें किया गया है. स्क्रैपिंग के लिए प्रस्तुत वाहन से संबंधित जमा प्रमाणपत्र में अधिक विवरण शामिल किया जाएगा और यह प्रमाणपत्र वाहन मालिकों को डिजिटल रूप से उपलब्ध होगा और 2 वर्ष की अवधि के लिए वैध भी होगा. 


इसके साथ ही जमा प्रमाणपत्र का परिचय यह सुनिश्चित करने के लिए होगा कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के माध्यम से जमा प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं के पास लेनदेन का डिजिटल प्रमाण है.


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