नई दिल्ली: केंद्र सरकार देश में विधवा हो चुकी महिलाओं को आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए विधवा पेंशन योजना चला रही है.
देश में बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं, जिनके पति की मौत हो चुकी है और वे जीवन-यापन के लिए अपने पति पर ही निर्भर थीं.
ऐसी महिलाओं को जीवन-यापन के लिए बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
इन महिलाओं को जीवन-यापन की आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार विधवा पेंशन योजना के तहत आर्थिक मदद प्रदान करती है.
इस योजना के तहत विभिन्न राज्य विधवाओं को अलग-अलग पेंशन प्रदान करते हैं.
इस योजना का लाभ उठाने के लिए विधवा महिला की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
नहीं बढ़ेगी पेंशन योजना की राशि
राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के तहत देश की विधवा महिलाओं को आर्थिक मदद की जाती है.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत से राज्यसभा में पेंशन योजना की राशि बढ़ने को लेकर प्रश्न पूछा गया.
जिसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि अभी इस योजना की राशि बढ़ाए जाने का कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार की तरफ से नहीं भेजा गया है.
केंद्र सरकार की विधवा पेंशन योजना की राशि बढ़ाने की अभी कोई योजना नहीं है.
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ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों पर विचार करेगी सरकार
राज्यसभा में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी जेलों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है.
मंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले समय में इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारतीय दंड सहिंता के तहत देश के सभी नागरिकों को बराबर समझा जाता है.
मंत्री ने राज्यसभा में यह भी कहा कि आने वाले समय में केंद्र सरकार ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के मान सम्मान को बरकरार रखने, उनकी शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, उनकी आजीविका के लिए कई कदम उठा सकती है.
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