नई दिल्लीः Section 80c of Income Tax: बजट 2022 से हर किसी को उम्मीदें लगी हैं. आम आदमी से लेकर बिजनेस क्लास तक की बजट पर नजर रहेगी. हर कोई चाहता है कि बजट में उनके लिए भी कुछ हो. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी यानी आज संसद में बजट पेश करेंगी.
अनुमान लगाया जा रहा है कि इनकम टैक्स की धारा 80 सी (Income Tax 80c) के तहत दी जाने वाली टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाई जा सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महंगाई और बढ़ती आय को देखते हुए टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि धारा 80 सी क्या है?
जानिए धारा 80सी के बारे में
दरअसल, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हुए हर किसी का ध्यान टैक्स बचाने पर होता है. तब आयकर की धारा 80सी का जिक्र आता है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अंतर्गत धारा 80सी के तहत आयकरदाता वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि 80सी में निवेश, बीमा और अन्य खर्च पर छूट दी जाती है.
पुरानी कर व्यवस्था में मिलता है लाभ
हालांकि, धारा 80सी के तहत निवेश पर मिलने वाली छूट का फायदा केवल पुरानी कर व्यवस्था में ही दिया जाता है. जो करदाता नई कर व्यवस्था को चुनते हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलता है.
स्कीम में निवेश पर उठा सकते हैं फायदा
बता दें कि आयकर की धारा 80सी के तहत ईपीएफ, पीपीएफ, एनपीएस, म्यूचुअल फंड, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश कर वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स छूट में फायदा उठाया जा सकता है.
इन खर्चों पर भी मिलती है टैक्स में छूट
वहीं, आयकर की धारा 80सी के तहत होम लोन पेमेंट, दो बच्चों की स्कूल फीस, इंश्योरेंस प्रीमियम जैसे खर्च के बदले भी टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है.
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