विश्व की सबसे लंबी और अत्याधुनिक है 'अटल टनल', पढ़ें: खास बातें

हिंदुस्तान अब मोटरेबल रोड़ टनल की राह में इतिहास रचने की कगार पर पहुंच गया है. हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में हर साल 5 से 6 महीने तक कैद में रहने वाली 36 हजार से ज्यादा की आबादी को 'अटल टनल' जिंदगी का रास्ता देने वाली है. जिसपर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 19, 2020, 01:19 PM IST
    1. 'अटल टनल' के बनते ही हिंदुस्तान के नाम होगा इतिहास
    2. एवलांच से बचने के लिए हाई-टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
    3. प्रतिदिन 3000 तक वाहन इस टनल को कर सकेंगे पार
    4. हर 1.1 किमी पर लगे होंगे ट्रैफिक इन्टेन्सिटी डिटेक्शन सिस्टम
विश्व की सबसे लंबी और अत्याधुनिक है 'अटल टनल', पढ़ें: खास बातें

नई दिल्ली: मोटरेबल रोड़ टनल की राह पर अब हिंदुस्तान इतिहास रचने की कगार पर है. मनाली में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बन रही विश्व की सबसे लंबी व अत्याधुनिक 'अटल टनल' के बनते ही ये इतिहास हिंदुस्तान के नाम होगा.

विश्व की सबसे लंबी और अत्याधुनिक टनल

मनाली में 10,000 फीट की ऊंचाई पर बन रही विश्व की सबसे लंबी व अत्याधुनिक 'अटल टनल' (Atal Tunnel) का निर्माण कार्य बस खत्म होने ही वाला है. इस टनल के निर्माण कार्य के पूरा होने पर देश के साथ ही पूरे विश्व की नजर टिकी हुई है. आपको सबसे पहले इस टनल की खासियत से रूबरू करवाते हैं.

'अटल टनल' की खासियत

  • 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगे वाहन
  • प्रतिदिन 3000 तक वाहन इस टनल को कर सकेंगे पार
  • हर 500 मीटर की दूरी पर होंगे इमरजेंसी एग्जिट
  • मनाली से लेह मार्ग में 46 किमी की दूरी होगी कम
  • लगभग ढाई घंटे का समय कम और ईंधन की भी बचत
  • हर 1.1 किमी पर लगे होंगे ट्रैफिक इन्टेन्सिटी डिटेक्शन सिस्टम
  • प्रत्येक 2.2 किमी. की दूरी पर होगा यू-टर्न
  • एवलांच से बचने के लिए हाई-टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
  • सेना की देखरेख में रहेगी 'अटल टनल'

8.8 किलोमीटर लंबी है अटल सुरंग

आंकड़े इस टनल को अपने आप में बेहद खास बनाते हैं. मनाली में 10000 फीट पर बन रही दुनिया की सबसे लंबी व अत्याधुनिक मोटरेबल टनल है. 8.8 किलोमीटर लंबी इस टनल को बनाने में 4000 करोड़ रुपए लगे हैं. और 2020 में ये देश को समर्पित होगी. इसके आस-पास रहने वाले 36000 लोगों के लिए ये सपनों की सुरंग है. इसके बनने से मनाली लेह मार्ग में 46 किलोमीटर की कमी आएगी.

15000 फीट ऊंचे पहाड़ के ठीक नीचे बन रही अटल टनल पर साल 2010 से बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने काम शुरू किया था और इस असंभव से दिखते लक्ष्य को अब हासिल करने के बेहद करीब है.

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इस टनल का निर्माण कार्य कर रहे है BRO के जवान माइनस 23 डिग्री सेल्सियस की हड्डी गला देने वाली ठंड में भी देशवासियों के उस सपने को जान दे रहे हैं. जिसका पूरा होने से सिर्फ हिमाचर वासियों को ही नहीं पूरे देश को इसका लाभ मिलेगा.

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