आम चुनाव: देखिए, कहानी देश के चौथे आम चुनाव की

1967 में देश का चौथा आम चुनाव हुआ. ये चुनाव देश की राजनीति के लिहाज़ से ऐतिहासिक था. पहली बार कांग्रेस पार्टी बिना पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व के लड़ने जा रही थी. 27 मई 1964 में उनका देहांत हो चुका था और तब से लेकर 1966 तक यानी सिर्फ दो साल में देश चार प्रधानमंत्रियों को देख चुका था. ये पंडित नेहरू के जाने के बाद कांग्रेस पार्टी में मचे घमासान का नतीजा था. जिसने न सिर्फ पार्टी का स्वरूप बदला बल्कि देश की राजनीति में भी कई बड़े बदलाव आए... देखिए, कहानी देश के चौथे आम चुनाव की

1967 में देश का चौथा आम चुनाव हुआ. ये चुनाव देश की राजनीति के लिहाज़ से ऐतिहासिक था. पहली बार कांग्रेस पार्टी बिना पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व के लड़ने जा रही थी. 27 मई 1964 में उनका देहांत हो चुका था और तब से लेकर 1966 तक यानी सिर्फ दो साल में देश चार प्रधानमंत्रियों को देख चुका था. ये पंडित नेहरू के जाने के बाद कांग्रेस पार्टी में मचे घमासान का नतीजा था. जिसने न सिर्फ पार्टी का स्वरूप बदला बल्कि देश की राजनीति में भी कई बड़े बदलाव आए... देखिए, कहानी देश के चौथे आम चुनाव की

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