क्या आपको भी लगता है, पर्यावरण के लिए बेहतर है ELECTRIC VEHICLES? देखिए वीडियो

पिछले कई महीनों से भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर फोकस किया जा रहा है. सरकार ने भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां तैयार की हैं, साथ ही लक्ष्य भी निर्धारित किए हैं. इसके अलावा, इलेक्ट्रिक व्हीकल की मेजर कंपनी टेस्ला ने अनाउंसमेंट की थी, वह भारत में अपने ऑपरेशन्स शुरू करने जा रही है. सरकार ने भी टारगेट रखा है कि अगले दो सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल-डीजल के वाहनों के स्तर तक आ जाएगी. कंपनियां भी ईवी के प्रोडक्शन के लिए नए-नए प्लान तैयार कर रही है. यानि कुल मिलाकर कहा जाए तो भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का दौर जल्दी ही शुरू हो जाएगा. लेकिन क्या बैटरी से चलने वाले ये वाहन इतने अच्छे हैं जितना उनको समझा जा रहा है. यकीनन नहीं... इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रोडक्शन , Internal Combustion Vehicles के मुकाबले ज्यादा हानिकारक होता है. क्योंकि EVs की बैटरी लीथियम से बनती हैं इसके माइनिंग प्रोसेस से ढेर सारी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसेस प्रोड्यूस होती हैं. साल 2017 में दुनिया में 1 मिलियन ईवी व्हीकल्स की सेल हुई थी और अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2030 तक 125 मिलियन ईवी सड़कों पर उतरेंगे.

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