नक्सली हमले में इतने जवान हुए शहीद, सुरक्षाबलों ने छिपे नक्सलियों पर की जवाबी फायरिंग

जंगल मे छिपे नक्सलियों को सबसे ज्यादा डर हिंदुस्तानी फौज और उजाले से लगता है इसलिए अक्सर अंधेरे को ढाल बनाकर फौजियों पर गोली बरासकर जंगल में गुम हो जाते है क्योंकि उन्हे पता है उजाले में भारतीय जवानों से सामना होने का मतलब है मौत. बीते गुरूवार की सुबह साढ़े चार बजे जंगल में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने गशत पर निकले जवानों पर हमला बोल दिया. जिसमें एक जवान शहीद हो गया. सुरक्षा बलों को चमेदा और साल्हेभाठ के घने जंगल में नक्सलियों के मौजूद होने की खबर मिली थी. सूचना मिलते ही सुरक्षा बल गश्त पर निकले पड़े तभी छिपे नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी. जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की जिसके बाद नक्सली वहां से भाग निकले.

जंगल मे छिपे नक्सलियों को सबसे ज्यादा डर हिंदुस्तानी फौज और उजाले से लगता है इसलिए अक्सर अंधेरे को ढाल बनाकर फौजियों पर गोली बरासकर जंगल में गुम हो जाते है क्योंकि उन्हे पता है उजाले में भारतीय जवानों से सामना होने का मतलब है मौत. बीते गुरूवार की सुबह साढ़े चार बजे जंगल में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने गशत पर निकले जवानों पर हमला बोल दिया. जिसमें एक जवान शहीद हो गया. सुरक्षा बलों को चमेदा और साल्हेभाठ के घने जंगल में नक्सलियों के मौजूद होने की खबर मिली थी. सूचना मिलते ही सुरक्षा बल गश्त पर निकले पड़े तभी छिपे नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी. जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की जिसके बाद नक्सली वहां से भाग निकले.

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