साध्वी पे लगा शहीद के अपमान का कलंक, आजम खान फिर भूले शब्दों की मर्यादा

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को सियासत में कदम रखे अभी 48 घंटे भी नहीं बीते कि देश के लिए मरमिटने वाले शहीद के अपमान का कलंक उनके दामन पर लग गया. भोपाल से बीजेपी की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर बयानबाजी की रो में ऐसी बही कि वो सही और गलत की लकीर को भी भूल गई. जिसके कारण चुनाव की पिच पर वो खुद हो गई हिट विकेट. 72 घंटे के चुनाव आयोग के बैन के बाद शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान एक बार फिर प्रचार के मैदान में आ गए. लेकिन अपनी पहली ही सभा में आजम खान ने ना केवल शब्दों की मर्यादा को एक बार फिर तार-तार किया बल्कि धर्म के नाम पर वोट की अपील भी की.

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को सियासत में कदम रखे अभी 48 घंटे भी नहीं बीते कि देश के लिए मरमिटने वाले शहीद के अपमान का कलंक उनके दामन पर लग गया. भोपाल से बीजेपी की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर बयानबाजी की रो में ऐसी बही कि वो सही और गलत की लकीर को भी भूल गई. जिसके कारण चुनाव की पिच पर वो खुद हो गई हिट विकेट. 72 घंटे के चुनाव आयोग के बैन के बाद शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान एक बार फिर प्रचार के मैदान में आ गए. लेकिन अपनी पहली ही सभा में आजम खान ने ना केवल शब्दों की मर्यादा को एक बार फिर तार-तार किया बल्कि धर्म के नाम पर वोट की अपील भी की.

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