जीवन धारा : रामकुंड में गोदावरी और अरुणा का संगम
कहते है राम कुंड में भगवान राम ने स्नान किया था इसलिए इसे पवित्र माना जाता है. हर दिन श्रद्धालु यहां स्नान के लिए पहुँचते हैं यहाँ एक अस्थि विलय कुंड भी है जिसमें अस्थि विसर्जन करने पर वो पानी में घुल जाती थी. लेकिन ये उस वक़्त की बात है जब इन कुंडों के साथ छेड़छाड़ नहीं की गयी थी. यहाँ अलग-अलग 17 कुंड बने हैं. आज इन कुंडों का प्रवाह गंगापुर बाँध से छोड़े गए पानी पर निर्भर करता है जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि कुंडों के तल में पानी के श्रोत थे लेकिन उसके ऊपर कंक्रीट की मोटी परत डाल दी गयी. अब इसी कुंड देखिये जिसका नाम है हाथी कुंड यानी एक हाथी जितना गहरा लेकिन आज मात्र दो फ़ीट पानी इसमें है. देखिये 'जीवन धारा' में कहानी गोदावरी नदी की...
- Zee Media Bureau
- Jan 10, 2019, 01:49 AM IST
कहते है राम कुंड में भगवान राम ने स्नान किया था इसलिए इसे पवित्र माना जाता है. हर दिन श्रद्धालु यहां स्नान के लिए पहुँचते हैं यहाँ एक अस्थि विलय कुंड भी है जिसमें अस्थि विसर्जन करने पर वो पानी में घुल जाती थी. लेकिन ये उस वक़्त की बात है जब इन कुंडों के साथ छेड़छाड़ नहीं की गयी थी. यहाँ अलग-अलग 17 कुंड बने हैं. आज इन कुंडों का प्रवाह गंगापुर बाँध से छोड़े गए पानी पर निर्भर करता है जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि कुंडों के तल में पानी के श्रोत थे लेकिन उसके ऊपर कंक्रीट की मोटी परत डाल दी गयी. अब इसी कुंड देखिये जिसका नाम है हाथी कुंड यानी एक हाथी जितना गहरा लेकिन आज मात्र दो फ़ीट पानी इसमें है. देखिये 'जीवन धारा' में कहानी गोदावरी नदी की...