आस्था का कुंभ: संगम के महाकुंभ में आस्था का 'कल्पावास', देखिए ज़ी हिन्दुस्तान की खास रिपोर्ट

आस्था का कल्पवास,जहां आम आदमी तमाम असुविधाओं के बीच आस्था की अलख जगाता है. प्रयागराज में संगमतट की रेती पर दस किलोमीटर के दायरे में ऐसे न जाने कितने छोटे-छोटे तंबू तने हैं जहां खासतौर से पूर्वांचल के गांवों के आए लोग कल्पवास में रमे हैं. हर रात यहां हजारों की तादाद में ऐसे चूल्हे जलते हैं, गोबर के सुलगते उपलों पर देगजी चढ़ती है.एक-दूसरे का हाथ बंटाते हुए रोटी-बाटी सिकती है.

आस्था का कल्पवास,जहां आम आदमी तमाम असुविधाओं के बीच आस्था की अलख जगाता है. प्रयागराज में संगमतट की रेती पर दस किलोमीटर के दायरे में ऐसे न जाने कितने छोटे-छोटे तंबू तने हैं जहां खासतौर से पूर्वांचल के गांवों के आए लोग कल्पवास में रमे हैं. हर रात यहां हजारों की तादाद में ऐसे चूल्हे जलते हैं, गोबर के सुलगते उपलों पर देगजी चढ़ती है.एक-दूसरे का हाथ बंटाते हुए रोटी-बाटी सिकती है.

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