लालू ने नीतीश को फिर सुनाई खरी-खोटी

लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी. महागठबंधन को लालू की कमी खल रही है. तेजस्वी अपने भाषण में पिता लालू की तरह भदेसपन लाने की कोशिश तो करते हैं लेकिन वो ला नहीं पाते. लालू जब अपनी रैलियों में ऐसा करते थे वो सहज होते थे. उनकी बॉडी लैंग्वेज भी उसी तरह की होती थी लेकिन तेजस्वी के साथ ऐसा नहीं है. ऐसे में सोची-समझी रणनीति के तहत ही लालू ने ये चिठ्ठी सोशल मीडिया पर जारी की है. शायद ये बताने के लिए लालू अभी भी लोगों के बीच मौजूद हैंऔर आरजेडी आज भी उन्ही के इशारे पर चल रही है.

लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी. महागठबंधन को लालू की कमी खल रही है. तेजस्वी अपने भाषण में पिता लालू की तरह भदेसपन लाने की कोशिश तो करते हैं लेकिन वो ला नहीं पाते. लालू जब अपनी रैलियों में ऐसा करते थे वो सहज होते थे. उनकी बॉडी लैंग्वेज भी उसी तरह की होती थी लेकिन तेजस्वी के साथ ऐसा नहीं है. ऐसे में सोची-समझी रणनीति के तहत ही लालू ने ये चिठ्ठी सोशल मीडिया पर जारी की है. शायद ये बताने के लिए लालू अभी भी लोगों के बीच मौजूद हैंऔर आरजेडी आज भी उन्ही के इशारे पर चल रही है.

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