जानें, कैसे कोहिनूर शाहजहां के मोहब्बत पर भारी पड़ा

कोहिनूर की माया अकबर की तरह जहांगीर पर भी हावी नहीं हो पाई थी और उसने भी शायद कोहिनूर को शाही खजाने में ही दफ्न रहने दिया. लेकिन जहांगीर के बेटे शाहजहां के मन में रत्नों के लिए जबरदस्त आशक्ति थी. 24 फरवरी 1628 को हिन्दुस्तान के सिंहासन पर बैठते ही शाहजहां को शाही खजाने में दफ्न कोहिनूर की अनोखी चमक मोहित करने लगी. लेकिन कोहिनूर को लेकर शाहजहां का मोह उसकी मोहब्बत पर भारी पड़ गया. देखना ना भूलें ज़ी हिन्दुस्तान की खास पेशकश 'मैं भारत हूं' शनिवार और रविवार रात 9:25 बजे...

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