राष्ट्रवाद: किसान आंदोलन में भिंडरवाले का महिमामंडन - क्या खालिस्तान समर्थक गैंग सक्रिय हो गया है?v

राष्ट्रवाद: किसान आंदोलन शुरू हुआ था MSP और APMC कानून के नाम पर, धीरे-धीरे इसने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की जिद पकड़ ली और देखते-देखते इसमें टुकड़े गैंग से लेकर खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों की घुसपैठ हो गई है. जो जनरैल सिंह भिंडरवाला हिन्दुस्तान को टुकड़े करने की मुहिम चला रहा था, किसान आंदोलन में उसे शहीद का दर्जा दिया जा रहा है, बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा का पोस्टर लहराया जा रहा है, खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं - किसान आंदोलन के बहाने खालिस्तान समर्थक गैंग सक्रिय हो गया है?

राष्ट्रवाद: किसान आंदोलन शुरू हुआ था MSP और APMC कानून के नाम पर, धीरे-धीरे इसने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की जिद पकड़ ली और देखते-देखते इसमें टुकड़े गैंग से लेकर खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों की घुसपैठ हो गई है. जो जनरैल सिंह भिंडरवाला हिन्दुस्तान को टुकड़े करने की मुहिम चला रहा था, किसान आंदोलन में उसे शहीद का दर्जा दिया जा रहा है, बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा का पोस्टर लहराया जा रहा है, खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं - किसान आंदोलन के बहाने खालिस्तान समर्थक गैंग सक्रिय हो गया है?

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