Prime Time Special: 'मोदी डिप्लोमेसी' से चित होगा चीन

महाबलीपुरम की इस मुलाकात से ऐन पहले चीन ने कश्मीर को लेकर जो पलटी मारी है, वो उसकी इसी फितरत की तस्दीक करती है. जरा सोचिए अभी चंद रोज पहले तक जम्मू-कश्मीर के मसले पर भारत-पाकिस्तान को आपस में बात करने की नसीहत देना वाला चीन अब जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के नियमों के पालन की बात कह रहा है.

दोनों देशों के बीच बातचीत के कई मसले हैं. हालांकि इस अनौपचारिक मुलाकात के लिए बातचीत का कोई एजेंडा पहले से तय नहीं है. फिर भी माना जा रहा है कि हिंदुस्तान और चीन के बीच इस बार एलएसी , व्यापार और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर बात होगी. दरअसल भारत और चीन, दोनों देशों के बीच 3,500 किमोलीटर लंबी सीमा है. सीमा विवाद के कारण दोनों देश 1962 में युद्ध के मैदान में भी आमने-सामने खड़े हो चुके हैं, लेकिन अभी भी सीमा पर मौजूद कुछ इलाकों को लेकर विवाद है जो कभी-कभी तनाव की वजह बनता रहता है.

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