सेना की दहशतगर्दों को खुली चेतावनी, बंदूक उठाओंगो तो मारें जाओंगे

पांच दिनों में देश ने 46 जवानों की शहादत सही है. देश का कोई कोना नहीं बचा जहां तिरंगे में लिपटे किसी सैनिक का शव उसके अपनों तक नहीं पहुंचा हो. ये दर्द इस कदर चस्पा हुआ कि लहू आंखों में उतर आया है और जब तक बदला पूरा नहीं होता 130 करोड़ हिंदुस्तानियों के सीने में ये बदले की ज्वाला धधकती रहेगी. इसी मातमी माहौल में आज श्रीनगर में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. जिसमें पत्रकारों के सवालों का जवाब भी दिया गया और आंतकियों को सख्त पैगाम भी कि घाटी में जो भी बंदूक उठाएगा वो मारा जाएगा.

पांच दिनों में देश ने 46 जवानों की शहादत सही है. देश का कोई कोना नहीं बचा जहां तिरंगे में लिपटे किसी सैनिक का शव उसके अपनों तक नहीं पहुंचा हो. ये दर्द इस कदर चस्पा हुआ कि लहू आंखों में उतर आया है और जब तक बदला पूरा नहीं होता 130 करोड़ हिंदुस्तानियों के सीने में ये बदले की ज्वाला धधकती रहेगी. इसी मातमी माहौल में आज श्रीनगर में सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. जिसमें पत्रकारों के सवालों का जवाब भी दिया गया और आंतकियों को सख्त पैगाम भी कि घाटी में जो भी बंदूक उठाएगा वो मारा जाएगा.

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