देश की राजधानी अग्निकुंड में हर बार झोंक दी जाती है. लोगों की चिता जल उठती है. किसी का आशियाना इस आग में राख हो जाता है, तो किसी की रोजी रोटी का सहारा छीन लिया जाता है. एक बार फिर आग की लपटों में दिल्ली ऐसी घिरी कि देखते ही देखते तीन लोगों की जिंदगी को राख बन गई.