क्या आप 'मोबाइल फोबिया' से छुटकारा पाने के लिए लेंगे ये 'चैलेंज'

मोबाइल एक ऐसी वस्तु बन गई है कि घर हो या ऑफिस, खाते-पीते, सोते-जागते, उठते-बैठते हर जगह ये इंसान के साथ एक साए की तरह रहता है. यानि सरल भाषा में कहे तो हम मोबाइल फोबिया के शिकार हो गए हैं. दुनिया का शायद ही ऐसा कोई इंसान हो जो सोशल मीडिया के दौर में खुद को मोबाइल से दूर रह सकता हो. मोबाइल से होने वाली खतरनाक बीमारियों के बारे में लोग जानकर भी अनजान बने हुए हैं. एक ऐसा चैलेंज जो आपकी गैजेट्स की बुरी लत को छुड़ा सकता हैं.

मोबाइल एक ऐसी वस्तु बन गई है कि घर हो या ऑफिस, खाते-पीते, सोते-जागते, उठते-बैठते हर जगह ये इंसान के साथ एक साए की तरह रहता है. यानि सरल भाषा में कहे तो हम मोबाइल फोबिया के शिकार हो गए हैं. दुनिया का शायद ही ऐसा कोई इंसान हो जो सोशल मीडिया के दौर में खुद को मोबाइल से दूर रह सकता हो. मोबाइल से होने वाली खतरनाक बीमारियों के बारे में लोग जानकर भी अनजान बने हुए हैं. एक ऐसा चैलेंज जो आपकी गैजेट्स की बुरी लत को छुड़ा सकता हैं.

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