मध्य प्रदेश में रातोंरात 'चोरी' हो गई सड़क, खोजने में जुटी पुलिस-प्रशासन भी हुआ भौंचक

Road Stolen in MP:  सड़क चोरी होने की FIR पर पुलिस भौचक्की पड़ी है और मामला जनपद पंचायत CEO तक पहुंचा है तो वह भी हैरान-परेशान हैं. सवाल यह कि सड़क गई तो गई कहां? 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 2, 2021, 06:00 PM IST
  • 2017 में मंजूरी मिलने के बाद कागजों में बना दी थी मेंडरा गांव की सड़क
  • सड़क बनाने में 10 लाख रुपये की लागत, लेकिन रास्ते पर आज भी कीचड़
मध्य प्रदेश में रातोंरात 'चोरी' हो गई सड़क, खोजने में जुटी पुलिस-प्रशासन भी हुआ भौंचक

नई दिल्लीः Road Stolen in MP: ये चुटकुला आपने कई बार सुना होगा. एक राहगीर किसी से पूछता है, भैया ये सड़क कहां जाती है? आदमी कहता है सड़क कहीं नहीं जाती यहीं रहती है. चुटकुले से आगे बढ़ें तो निर्देशक श्याम बेनेगल ने एक फिल्म बनाई वेलडन अब्बा, जिसमें एक बच्ची और उसका पिता गांव में कुंआ चोरी होने की रपट लिखाते हैं. शरद जोशी का एक व्यंग्य भी कुछ ऐसी ही बात करता है. 

लेकिन, मध्य प्रदेश में यह सारी फिल्मी-कागजी बातें सच साबित हो गईं. यहां एक सड़क कहीं चली गई. कहां? ये किसी को पता नहीं. कहने वाले कहने लगे कि सड़क चोरी हो गई और बात इतनी बढ़ी कि गांव वालों ने मिलकर थाने में रपट दर्ज करा दी. वहां लिखवाया कि एक सड़क जो सीधी जिले के मेंडरा गांव में थी, वह रात में तो थी, सुबह चोरी हो गई. गांव वालों ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है और थानेदार ने दर्ज किया है. 

अब इसके बाद पुलिस भौचक्की पड़ी है और मामला जनपद पंचायत CEO तक पहुंचा है तो वह भी हैरान-परेशान हैं. सवाल यह कि सड़क गई तो गई कहां? कोई सामान चोरी होता है तो उसकी कीमत पूछी जाती है. पता चला कि 10 लाख की लागत से सड़क बनी थी और रातों-रात चोरी हो गई. 

यह है पूरा मामला

दरअसल हुआ यूं कि मध्यप्रदेश के सीधी जिले स्थित मेंडरा गांव में एक सड़क कच्ची कीचड़ भरी थी. इस सड़क पर पहले मुरम सड़क बनाने की मंजूरी मिली और फिर, सीसी रोड बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई. मंजूरी मिल गई, सड़क बन गई, लागत आई 10 लाख. कागजों में हिसाब भी दिखा दिया गया.

यह सब हुआ 2017 में, लेकिन मेंडरा गांव के लोग इतने साल बाद भी उसी कीचड़ वाली सड़क से आना-जाना करते रहे. 
इसी परेशानी के बाद जब यह मामला उठा तो उप सरपंच रमेश कुमार यादव और गांव वाले FIR दर्ज कराने थाने पहुंच गए. ग्रांप पंचायत मेंडरा, जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर है.

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सामने आया भ्रष्टाचार

ग्रामीणों ने बताया, वह खराब सड़क से परेशानी की शिकायत लेकर गए थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि सड़क कागजों पर बनी है तो इसमें 10 लाख रुपये भ्रष्टाचार का मामला सामने आया. उपसरपंच रमेश कुमार यादव ने तंज कसते हुए कहा कि रात तक उनके गांव में सड़क बनी हुई थी.

सड़क बनाई भी ठीक गई थी, लेकिन अचानक सुबह होते ही गायब हो गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जनपद पंचायत CEO एमएल प्रजापति ने कहा, वे हाल ही में यहां नियुक्त हुए हैं. उन्होंने मामले की जानकारी कर जांच कराए जाने की बात कही है. 

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