नई दिल्ली. दुनिया हैरान परेशान है कोरोना से और अमेरिका इसको इतने हलके में ले रहा है जैसे ये कोई सर्दी जुखाम जैसी मामूली बीमारी है. अभी हाल में ही डब्ल्यूएचओ ने भी साफ़ कह दिया है कि हालात नियंत्रित न हुए तो दुनिया के अस्सी फीसदी लोग इस संक्रमण के शिकार हो जाएंगे. अमरीकी उपराष्ट्रपति कह रहे हैं कुछ दिन बाद स्थिति ठीक हो जायेगी, बस हमें गर्मियों का इंतज़ार करना है.
संक्रमित लोगों की संख्या हुई 46
अमेरिका जैसे बड़े देश में फिलहाल कोरोना ने शुरुआत ही की है और फिलहाल उसके आंकड़े इतने बड़े या चुनौतीपूर्ण नहीं हैं कि अमेरिका की जनता भयभीत हो जाए. किन्तु चिंता की बात तो ये है ही. इससे पहले की आम जनता इसकी चपेट में आये सरकार को इसके शुरआती दौर में ही नियंत्रण के लिए कदम उठाने चाहिए. अब तक कुल 90 लोग यहां कोरोना के शिकार हुए हैं और छह लोग जान भी गँवा चुके हैं.
ऐसे में अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि कोरोना वायरस का इलाज करने के लिए गर्मी का मौसम आने तक दवाइयां मिल सकेंगी.
सरकार ने समीक्षा की औपचारिकता पूर्ण की
अमेरिकी सरकार ने अपने फर्ज की जिम्मेदारी निभा ली और व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति माइक पेंस, शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों और दवा कंपनियों के प्रमुखों के बीच कोरोना को लेकर हालात की समीक्षा की गई. इसके बाद माइक पेंस ने मीडिया को बताया कि 'वैसे तो कोरोना वायरस का वैक्सीन इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत तक उपलब्ध होने की संभावना कम ही है किन्तु कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित लोगों के उपचार हेतु आने वाली गर्मियों या पतझड़ तक दवाइयां मिल सकेंगी.
विदेशियों का आवागमन बंद किया
एक कदम तो अमरीकी सरकार ने जल्दी उठाया है और सही उठाया है. उसने अपने देश में आने वाले विदेशी नागरिकों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमरीकी नागरिकों को भी सलाह दी गई है कि वे ह दक्षिण कोरिया और इटली की यात्रा से बचें.
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