नई दिल्ली: ईरान में यूक्रेन के यात्री विमान को मिसाइल हमले में गिराने के बाद मारे गए लोगों के देशों ने अपने नागरिकों के लिए ईरान से मुआवजा मांगा है.
5 देशों के नागरिक थे दुर्घटनाग्रस्त विमान में
यूक्रेनी विमान में कनाडा, ब्रिटेन, अफगानिस्तान, स्वीडन और यूक्रेन के यात्री थे. इन देशों ने ईरान से मार गिराए गए विमान के मृत यात्रियों के लिए मुआवजे की मांग की है. उन्होंने कहा, 'दुनिया जवाब का इंतजार कर रही है और हम तब तक आराम से नहीं बैठेंगे जब तक जवाब नहीं मिल जाता.' इन देशों ने कहा है कि ईरान को 'शोकग्रस्त देशों के लिए विस्तृत, स्वतंत्र और पारदर्शी अंतरराष्ट्रीय जांच बिठानी चाहिए.'
5 देशों ने लंदन में की बैठक
यूक्रेन विमान हादसे से प्रभावित 5 देशों के विदेश मंत्रियों ने लंदन स्थित कनाडा उच्चायोग में गुरुवार को बैठक की. जिसके बाद कनाडा के विदेश मंत्री फ्रांसुआ फिलिप शैंपेन ने बयान जारी करके कहा कि 'हम यहां पीड़ितों को न्याय दिलाने, जवाबदेही तय करने और पारदर्शिता के लिए जमा हुए हैं. हम मामले का अंत चाहते हैं. मृतकों के परिवार जवाब चाहते हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय जवाब चाहता है. पूरी दुनिया जानना चाहती है कि विमान गिराए जाने के बाद ईरान ने क्या कदम उठाए?'
ईरान ने ली है विमान हादसे की जिम्मेदारी
हालांकि ईरान ने अपनी तरफ से विमान हादसे की पूरी जिम्मेदारी स्वीकार कर ली है. हालांकि शुरुआत में उसने मामले की लीपापोती की कोशिश की. लेकिन बाद में स्वीकार किया कि ये विमान उसकी मिसाइलों के हमले का निशाना बन गया था. क्योंकि यूक्रेनी विमान उसी दिन मार गिराया गया था जिस दिन ईरानी मिसाइलों ने इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था.
विमान हादसे के स्थल पर मौजूद है अंतरराष्ट्रीय टीम
लंदन नें बैठक के बाद विमान हादसे से प्रभावित पांच देशों के विदेश मंत्रियों ने स्वीकार किया कि ईरान ने अब तक मामले में जो भी कदम उठाया है, वह उसका स्वागत करते हैं. कनाडा की जांच टीम घटनास्थल पर मौजूद है और उसे तय समय के भीतर वीजा मिल गया और ईरान से टीम को पांच देशों की जांच टीम को सहयोग मिल रहा है.
लेकिन प्रभावित देशों के विदेश मंत्रियों ने ने यह भी कहा कि वे ईरानी सरकार से जवाब का इंतजार कर रहे हैं और जब तक जवाब नहीं मिल जाता वे आराम से नहीं बैठेंगे.
ये है मामला
ईरान में 8 जनवरी को तेहरान से यूक्रेन जा रहा विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें सवार सभी 176 लोग मारे गए थे. मरने वालों में कनाडा के 57, यूक्रेन के 11, स्वीडन के 17, अफगानिस्तान और ब्रिटेन के चार-चार नागरिक शामिल हैं. इस विमान में ईरान के भी 86 यात्री सवार थे. जिसके बाद ईरान में भी अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन हुए.
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