हवा में उड़ गया पाकिस्तान का भौकाल! अमेरिका ने नहीं दी एक भी AIM-120 मिसाइल, झूठ की खुली पोल

AIM‑120 (AMRAAM) air‑to‑air missile: अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को नई AIM-120 एयर-टू-एयर मिसाइल्स नहीं दी जा रही हैं. 

Written by - harsh singh | Last Updated : Oct 10, 2025, 04:49 PM IST

    अमेरिका ने AMRAAM डिलीवरी से किया इंकार

    पाकिस्तान का मिसाइल भौकाल निकला झूठा

हवा में उड़ गया पाकिस्तान का भौकाल! अमेरिका ने नहीं दी एक भी AIM-120 मिसाइल, झूठ की खुली पोल

AIM‑120 (AMRAAM) air‑to‑air missile: अमेरिका ने पाकिस्तान को नए AIM-120 एयर-टू-एयर मिसाइल्स देने की खबरों को झूठ बताया है. अमेरिकी दूतावास ने साफ किया कि मीडिया में आई यह खबर गलत है. दूतावास के अनुसार, हालिया अनुबंध संशोधन में पाकिस्तान के लिए कोई नई मिसाइल डिलीवरी शामिल नहीं है. केवल पुराने मिसाइल सिस्टम के रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स का ही काम हो रहा है.

AIM-120 मिसाइल्स की खासियत
AIM-120, जिसे AMRAAM (Advanced Medium-Range Air-to-Air Missile) भी कहा जाता है, एक अत्याधुनिक एयर-टू-एयर मिसाइल है. इसे अमेरिकी कंपनी Raytheon Missiles & Defense ने बनाया है. यह मिसाइल फाइटर जेट्स से दागी जाती है और दुश्मन के हवाई लक्ष्यों को दूर से ही मार सकती है. इसकी सटीकता, तेज रफ्तार और लंबी दूरी इसे दुनिया की सबसे प्रभावी हवाई मिसाइलों में बनाती है.

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स्पीड और रेंज
AIM-120 मिसाइल्स की रफ्तार ध्वनि की गति से कई गुना तेज होती है. इसकी रेंज लगभग 100 किलोमीटर तक होती है, यानी यह दुश्मन के विमान को लंबी दूरी से ही निशाना बना सकती है. यह मिसाइल हवा में तेज से लक्ष्य की ओर बढ़ती है और अपनी दिशा बदलने की क्षमता रखती है, जिससे दुश्मन को चकमा देना आसान होता है.

क्यों खास है यह मिसाइल
AIM-120 मिसाइल्स में रडार होमिंग सिस्टम होता है, जो दुश्मन के विमान की स्थिति का पता लगाकर उसे निशाना बनाता है. यह मिसाइल बेहद आधुनिक है और फाइटर जेट्स के साथ इस्तेमाल करने पर हवा से हवा की लड़ाई में निर्णायक साबित होती है. इसके अलावा, यह मिसाइल दुश्मन के रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों को चकमा देने में सक्षम है.

हालिया अमेरिकी अनुबंध का मूल्य लगभग 41.7 मिलियन डॉलर है और इसमें AMRAAM C-8 और D-3 मॉडल का उत्पादन, स्पेयर पार्ट्स और सिस्टम की मरम्मत शामिल है। यह अनुबंध 30 मई 2030 तक पूरा होने वाला है. यह केवल कई देशों में मौजूदा मिसाइल सिस्टम को बनाए रखने के लिए है, जिससे उनकी क्षमता में कोई नया इजाफा नहीं होगा.

कुल मिलाकर, AIM-120 एयर-टू-एयर मिसाइल्स विश्व की सबसे भरोसेमंद और प्रभावशाली मिसाइलों में से एक हैं. अमेरिका के इस अनुबंध का उद्देश्य केवल पुराने मिसाइल सिस्टम का रखरखाव है, न कि पाकिस्तान को नई हवाई ताकत देना. यह मिसाइल अपनी रफ्तार, रेंज और सटीकता की वजह से आधुनिक हवाई लड़ाई में निर्णायक भूमिका निभाती है.
 

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harsh singh

ये ऑटोमोबाइल तथा टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों पर विशेष रूप से काम करते हैं, इनका फोकस लेटेस्ट टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन, नई कारों और बाइक्स की लॉन्च, रिव्यू, और ट्रेंडिंग ऑटो सेक्टर से जुड़ी खबरों को पाठकों तक सटीक और सरल भाषा में पहुंचाना है. ...और पढ़ें

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