नई दिल्ली. जो दो कुख्यात देश अमेरिका के दक्षिण एशिया में बन रहे संगठन में शामिल नहीं किये जाएंगे वे हैं चीन और पाकिस्तान. अब के बाद से आगे भारत और अमेरिका अपने किसी भी वैश्विक संगठन में इन दो देशों को शामिल नहीं करेंगे. इसकी वजह साफ़ है कि ये दोनों देश न केवल दक्षिण एशिया की शांति के लिए खतरा हैं बल्कि ये विश्व शान्ति के लिए भी उतना ही बड़ा खतरा हैं.
अमेरिका ने शुरू किये नए रिश्ते
अमेरिका के अमूमन दक्षिण एशियाई देशों से रिश्ते तो बने हुए थे किन्तु अब अमेरिका दक्षिण एशिया के देशों के साथ अपने द्विपक्षीय रिश्तों को नया आयाम देना शुरू कर रहा है और उसकी वजह शीशे की तरह साफ़ है. भारत के साथ दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय संतुलन के लिए अमेरिका की इस योजना के अंतर्गत सभी दक्षिण एशियाई देशों को जोड़ा जाएगा जिनमें दो देशों को शामिल नहीं किया जाएगा.
भारत को माना सबसे अहम साझेदार
भारत को अमेरिका पहले ही इक्कीसवीं सदी में अपने लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार करार दिया है और अब आने वाले दिनों में भारत और अमेरिका की एक विशेष द्विपक्षीय वार्ता शुरू होने वाली है जिसमें दोनों देशों के विदेश तथा रक्षामंत्री शामिल होंगे. इस अहम टू-प्लस-टू वार्ता से अमेरिका को काफी उम्मीदें हैं. इसके साथ भारत ने दक्षिण एशिया के दुसरे देशों के साथ भी अपने द्विपक्षीय संबंध सशक्त करने शुरू कर दिए हैं.
तीन देशों पर है ख़ास ध्यान
विशेषरूप से मालदीव, श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ अमेरिका अपने सैन्य संबंध सशक्त करने की योजना पर काम कर रहा है. इस बात की पूरी संभावना है कि अमेरिका भारत को विशवास में ले कर यह रणनीतिक कदम बढ़ा रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ 25 अक्टूबर को भारत यात्रा पर आ रहे हैं जिसके बाद वे मालदीव और श्रीलंका भी जाएंगे.
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