अमेरिका के इस फैसले से थर्राया तुर्की, ऐसा हुआ तो हो जाएगा तबाह

अमेरिका ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे तुर्की की परेशानी में खासा इजाफा हुआ है. अमेरिका ने तुर्की के स्टील टैरिफ को भी 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जाने का फैसला किया है जिससे तुर्की के इकॉनमी की कमर टूट सकती है.

Last Updated : Oct 15, 2019, 08:10 PM IST
    • तुर्की के राष्ट्रपति ने अमेरिका के तुर्की के साथ खड़े रहने जैसी बातें कही थी
    • तुर्की पर अमेरिका ने आर्थिक प्रतिबंध लगा, उसके अच्छे दिनों की समाप्ति पर मुहर लगा दी
अमेरिका के इस फैसले से थर्राया तुर्की, ऐसा हुआ तो हो जाएगा तबाह

नई दिल्ली: तुर्की के सीरिया पर लगातार हमले की निंदा पूरी दुनिया कर रही है. तुर्की ने ये खतरा खुद मोल लिया है. दरअसल, तुर्की सीरिया के उन कुर्द लड़ाकों पर लगातार हमला कर रहा है जिन्होंने एक समय में ISIS से  लड़ाई में उनके दांत खट्टे कर दिए थे. इस हिंसक रवैये से तुर्की की पूरे विश्व में थू-थू हो रही है. सभी देश एक-एक कर के न सिर्फ सीरिया के साथ खड़े हो रहे हैं बल्कि तुर्की के खिलाफ कड़े एक्शन भी ले रहे हैं. भारत भी इन हमलों की कूटनीतिक स्तर पर निंदा कर रहा है और तुर्की को इस हमले को रोकने के लिए आगाह कर रहा है. मगर इससे ठीक उलट भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान उसके समर्थन में खड़ा एकमात्र देश है. लेकिन अब तुर्की पर अमेरिका ने आर्थिक प्रतिबंध लगा, उसके अच्छे दिनों की समाप्ति पर मुहर लगा दी.

दिलचस्प बात ये है कि पिछले दिनों ही तुर्की के राष्ट्रपति ने अमेरिका के तुर्की के साथ खड़े रहने जैसी बातें कही थी. उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने तुर्की को सीरिया में फौज भेजने की छूट भी दे दी है और सीरिया में चल रहे ऑपरेशन को ठीक कहा है. उसी वक्त ट्रम्प ने तुर्की को चेताया भी था और कड़े आर्थिक प्रतिबंध की धमकी भी दे डाली थी. शायद अब अमेरिका को भी ऐहसास हुआ कि तुर्की ने अब हद पार कर दी है तो उसकी इकॉनमी को भयंकर बर्बाद करने के लिए मंगलवार को इस फैसले का डेमो दिखा दिया. इससे पहले तुर्की के खिलाफ रूसी सरकार ने भी सीरिया सरकार से हाथ मिला लिए हैं. अब इसका असर हुआ है कि रूस ने कुर्द लड़ाकों के साथ मिलकर तुर्की के खिलाफ मोर्चेबंदी की तैयारी शुरू भी कर दी है. मतलब साफ है कि इस हमले से दुनिया के तमाम देशों को अपने खिलाफ खड़ा कर के तुर्की ने अलग ही खतरा मोल ले लिया है. कहीं ऐसा न हो जाए कि तुर्की की हालत इराक और इरान के जैसी हो जाए. इससे तुर्की पर तबाही का खतरा मडराने लगा है.

100 बिलियन डॉलर के व्यापार पर प्रतिबंध से रास्ते पर न आ जाए तुर्की 

अमेरिका में जल्द चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे एक मौके के रूप में भुनाने का मन बना लिया जिससे उनकी वैश्विक छवि भी सुधरे. मंगलवार सुबह ट्विटर के माध्यम से तुर्की पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश पर मंजूरी की जानकारी पब्लिक की. इसके साथ ही अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने एक और सूचना जारी किया जिसमें लिखा था कि तुर्की के रक्षा मंत्री, आतंरिक मंत्री और ऊर्जा मंत्री को भी सैंक्शन लिस्ट में डाल दिया गया है.  अमेरिकी राष्ट्रपति यहीं नहीं रूके उन्होंने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा को चिट्ठी लिखी और तुर्की के सीरिया पर हमले  को नेशनल इमरजेंसी बताया. ट्रम्प के इस फैसले से अमेरिका-तुर्की के बीच तथाकथित रूप से 100 बिलियन डॉलर के व्यापार सौदे पर भी तुरंत असर पड़ने वाला है. क्योंकि अमेरिका ने तुर्की के स्टील टैरिफ को भी 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जाने का फैसला किया है जिससे तुर्की के इकॉनमी की कमर टूट सकती है. 

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में भारत, चीन, अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजरायल, ब्रिटेन जैसे सभी देशों को अपना दुश्मन बना कर तुर्की के क्या हस्र होने वाले हैं. सीरिया को खत्म करने चले इस देश की साख खुद ही न खत्म हो जाए.

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