Russia-Ukraine War: यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेंलेंस्की ने हाल के दिनों में कई विस्फोटक दावे किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया गया है कि 150 से ज्यादा चीनी नागरिक वर्तमान में यूक्रेन में रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ रहे हैं.
कीव में पत्रकारों से बात करते हुए, जेलेंस्की ने कहा, 'यूक्रेन के क्षेत्र में यूक्रेनियों के खिलाफ लड़ने वाले 155 लोग उपनाम वाले, पासपोर्ट डेटा वाले, 155 चीनी नागरिक हैं. हम जानकारी एकत्र कर रहे हैं; हमें लगता है कि उनमें से कई और भी हैं.'
यह बयान पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में दो चीनी नागरिकों के पकड़े जाने के बाद आया है. जेलेंस्की ने कहा कि दोनों व्यक्तियों को अलग-अलग रूसी ब्रिगेड के साथ लड़ते समय अलग-अलग हिरासत में लिया गया था.
इन व्यक्तियों की पहचान 1991 में जन्मे वांग गुआंगजुन और 1998 में जन्मे झांग रेनबो के रूप में की गई है. पकड़े गए व्यक्तियों में से एक ने रूसी नागरिकता के वादे के लालच में रूसी सेना में शामिल होने के लिए चीन में एक बिचौलिए को 300,000 रूबल (लगभग 3,000 डॉलर) का भुगतान करने की बात कबूल की है. ये थोड़ा बहुत भारतीयों के साथ जैसा हुआ, वैसा ही है. दरअसल, भारत से भी कई लोग रूस में गए थे, जिन्हें नौकरी का वादा किया गया था और जबरदस्ती यूक्रेन से युद्ध में भेज दिया गया. हालांकि, भारत सरकार द्वारा कई भारतीयों को वापस लाया जा चुका है.
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने पकड़े गए लड़ाकों को कीव में रखा है और कीव ने स्पष्टीकरण मांगने के लिए बीजिंग से संपर्क किया है. यूक्रेनी सरकार ने निंदा व्यक्त करने के लिए चीन के प्रभारी को बुलाया और आधिकारिक प्रतिक्रिया मांगी.
चीनी सैनिक यूक्रेन में लड़ने कैसे आए
कीव इंडिपेंडेंट मीडिया आउटलेट द्वारा जो जानकारी जुटाई गई, उसमें पता चला कि अप्रैल 2025 की शुरुआत तक कम से कम 163 चीनी नागरिक रूस के सशस्त्र बलों में सेवा कर रहे थे.
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