पाकिस्तान से अलग हुआ बलूचिस्तान? बलूच नेताओं ने किया आजादी का ऐलान; भारत और संयुक्त राष्ट्र से मांगी मान्यता

बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहा है. ऐसे में वहां के बागी नेताओं ने आजादी का ऐलान कर दिया है. साथ ही भारत और संयुक्त राष्ट्र से मान्यता मांगी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 15, 2025, 06:40 AM IST
  • पाकिस्तान सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
  • संयुक्त राष्ट्र से मुद्रा और पासपोर्ट जारी करने सहित मदद की अपील
पाकिस्तान से अलग हुआ बलूचिस्तान? बलूच नेताओं ने किया आजादी का ऐलान; भारत और संयुक्त राष्ट्र से मांगी मान्यता

Balochistan independence announced: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान तहस-नहस हो उठा है. वहीं, लंबे समय से आजादी की मांग कर रहे बलोच नेताओं को भी हिम्मत मिली है. इस बीच खबर है कि बलूच नेताओं ने पाकिस्तान से आजादी का ऐलान कर दिया है. वहीं नए देश का नाम ‘रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान’ रखा है. प्रमुख बलोच कार्यकर्ता मीर यार बलोच ने सोशल मीडिया पर भारत सरकार से दिल्ली में बलूच दूतावास खोलने की मांग की है. साथ ही, संयुक्त राष्ट्र से मान्यता की भी गुहार लगाई है. इस ऐलान के बीच बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 71 हमलों का दावा भी किया है. बलूच नेताओं ने पाकिस्तान को ‘आतंकी राष्ट्र’ बताया और भारत समेत क्षेत्रीय ताकतों से समर्थन मांगा है.

बलूच नेताओं ने किया आजादी का ऐलान
बलूच कार्यकर्ता मीर यार बलोच ने सोशल मीडिया पर स्वतंत्र ‘रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान’ की घोषणा करते हुए भारत और संयुक्त राष्ट्र से मान्यता मांगी है. उन्होंने भारत सरकार से दिल्ली में बलूच दूतावास खोलने की अपील की और कहा कि पाकिस्तान का ‘आतंकी ढांचा’ जल्द ढहने वाला है.

उन्होंने अपने 9 मई को एक्स पर लिखे पोस्ट में कहा- ‘भारत बलूच दफ्तर और दूतावास को अनुमति दे.’ उनके बयानों के साथ बलूच झंडे और स्वतंत्र बलूचिस्तान के नक्शे साझा किए गए. इस ऐलान के बाद, बलोचिस्तान की आजादी का मुद्दा एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है.

पाकिस्तान पर 71 बड़े हमलों का दावा
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने 11 मई को दावा किया कि उसने हाल ही में 51 जगहों पर 71 हमले किए हैं. इन हमलों में पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेंसियों, पुलिस थानों, खनिज परिवहन और प्रमुख हाईवे को निशाना बनाया गया.

BLA ने अपने बयान में पाकिस्तान को ‘आतंकी निर्यातक राष्ट्र’ बताते हुए क्षेत्रीय शक्तियों को आगाह किया कि वे इस्लामाबाद पर भरोसा न करें. उन्होंने कहा कि संगठन पाकिस्तान के टुकड़े किए बिना शांत नहीं बैठेगा और किसी भी सुलह की बातचीत को धोखा बताया.

भारत और यूएन से मांगी मान्यता
मीर यार बलोच ने भारत और संयुक्त राष्ट्र से आधिकारिक मान्यता की मांग करते हुए कहा कि बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्वीकार किया जाए. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से मुद्रा, पासपोर्ट और आधारभूत संस्थानों के लिए फंडिंग की अपील की.

बलूच कार्यकर्ता चाहते हैं कि भारत इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाए और बलूच राष्ट्र के समर्थन में कदम बढ़ाए. हालांकि, यह घोषणा अभी प्रतीकात्मक है और इसे किसी देश या संगठन की औपचारिक मान्यता प्राप्त नहीं हुई है.

बलूचिस्तान में मानवाधिकार का हनन
बलूचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ कई दशकों से विद्रोह चल रहा है. 1948 में बलूचिस्तान के पाकिस्तान में जबरन विलय के बाद से कई बार विद्रोह और सैन्य कार्रवाई हुई. मानवाधिकार संगठनों ने बलूचिस्तान में जबरन गुमशुदगी, गैर-न्यायिक हत्याएं और आम नागरिकों के उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज की हैं. हाल में बलूच नेता तारिक बलोच की भी बेरहमी से हत्या की खबरें सामने आईं थी.

जिन्ना हाउस के नाम बदलने की मांग
मीर यार बलोच ने भारत से मुंबई स्थित जिन्ना हाउस का नाम बदलकर बलूचिस्तान हाउस रखने की मांग की है. इसे उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ प्रतीकात्मक कदम बताया है. सोशल मीडिया पर बलूच समर्थकों द्वारा भारत के प्रति एकजुटता जताने वाले कई संदेश और कैंपेन चलाए जा रहे हैं. हालांकि, भारत सरकार की ओर से अब तक इस मांग या घोषणा पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. वहीं पाकिस्तान ने भी इस पर चुप्पी साध रखी है.

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