कैसे बनाया जाता है अपना अलग देश? कहां लगानी पड़ती है अर्जी और कौन देता है मान्यता, जानें- सबकुछ

बलूचिस्तान दशकों से आजादी की मांग कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान इसे नहीं छोड़ना चाहता. कई विद्रोह हुए, लेकिन असफल रहे. अंतरराष्ट्रीय मान्यता के बिना बलूचिस्तान का स्वतंत्र देश बनना मुश्किल है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 15, 2025, 01:05 PM IST
  • बलूचिस्तान दशकों से पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहा है
  • अंतरराष्ट्रीय मान्यता के बिना आजादी मुश्किल है
कैसे बनाया जाता है अपना अलग देश? कहां लगानी पड़ती है अर्जी और कौन देता है मान्यता, जानें- सबकुछ

पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य बलूचिस्तान अपने लिए अलग देश की मांग कर रहा है. यह मांग कोई नई नहीं, भारत-पाकिस्तान बटवारे के समय से ही क्षेत्र के लोग अलग देश की मांग कर रहे हैं. यहां के लोग खुद को पाकिस्तान से अलग मानते हैं. अक्सर इस क्षेत्र में विद्रोह भी होता रहता है लेकिन पाकिस्तान सरकार ने हर बार इन्हें दबाने की कोशिश की है. 1947 से कई बार बलूचिस्तान ने बड़े स्तर पर विद्रोह किया, जहां इसी दिशा में बलूचिस्तान की बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) भी बनाई गई. इससे पाकिस्तान के अलावा अमेरिका ने भी आतंकवादी संगठन मानकर बैन लगाया हुआ है.

बलूचिस्तान: पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य

क्षेत्रफल के हिसाब से बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है, जो देश का लगभग 44% हिस्सा कवर करता है. सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद, यहां की आबादी सिर्फ 1.5 करोड़ है. पाकिस्तान में  सोना, तांबा, तेल समेत अन्य कई कीमती चीजें सबसे ज्यादा बलूचिस्तान की खदानों में ही मिलती हैं. इसके बावजूद बलूचिस्तान सबसे पिछड़े राज्यों में आता है. यही कारण है कि यहां के लोग पाकिस्तान की सरकार से नाराज है और खुद का अलग देश चाहते है, जिसे एक समय धोखे से पाकिस्तान में जोड़ लिया गया था.

बलूचिस्तान विद्रोह और संघर्ष
बलूचिस्तान ने अब तक पाकिस्तान के खिलाफ पांच बार विद्रोह किया है. सबसे पहला विद्रोह 1948 में हुआ था. इसके बाद भी अलग-अलग समय पर विद्रोह हुए. सबसे ताजा विद्रोह 2005 में शुरू हुआ, जो अब भी जारी है. BLA जैसे संगठनों ने कई बार पाकिस्तानी सेना पर हमले किए हैं और हाल ही में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया था और सेना के अधिकारियों को भी बंदी बना लिया था. 

नया देश बनने की प्रक्रिया क्या है?

जहां बलूचिस्तान अपने लिए अलग देश की मांग कर रहा है, तो आइए जानते हैं कि आखिर इसका तरीका क्या है? कोई भी क्षेत्र तभी नया देश बन सकता है जब उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिले. 1933 के मोंटेवीडियो कन्वेंशन के अनुसार, किसी भी नए देश के लिए कुछ जरूरी शर्तें होती हैं, जैसे स्थायी जनसंख्या, सीमाएं, सरकार और अन्य देशों से संबंध बनाने की क्षमता. बलूचिस्तान की आजादी की राह इतनी आसान नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान कभी भी इस क्षेत्र को इतनी आसानी से छोड़ने के लिए तैयार नहीं होगा.

बता दें कि बलूचिस्तान को अपना अलग क्षेत्र चाहिए तो पहले पाक को उस स्थान पर से अपना दावा छोड़ना पड़ेगा. इसके बीच दोनों में समझौता बेहद जरूरी है. 

क्या बलूचिस्तान को आजादी मिल सकती है?

अगर कोई देश खुद को अलग देश घोषित करता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिलना जरूरी होता है. कई देशों को आजादी समझौते के जरिए मिली है, जैसे बांग्लादेश का गठन 1971 में हुआ था. बलूचिस्तान की स्थिति अभी काफी कठिन है, क्योंकि पाकिस्तान इस क्षेत्र को अपने लिए बहुत अहम मानता है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प दोगा कि आने वाले समय में बलूचिस्तान की आजादी की मांग किस दिशा में जाती है.

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