Bangladesh Political Crisis: भारत के लिए अपने पड़ोसियों पर नजर रखा बेहद जरूरी है. पड़ोसी अगर बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे हो तो हमेशा सतर्क रहना जरूरी है. भारत-पाक के बीच तनाव चल रहा है. इस बीच बांग्लादेश भी कई बड़े बयान देता रहता है, जिससे दोनों देशों में संबंध कुछ बेहतर नहीं हो सके हैं. दूसरी ओर बांग्लादेश की पीएम रही शेख हसीना जब से भागकर भारत आई हैं, तब से वहां हिंदुओं के खिलाफ भी अपराध बढ़ा है. अब ऐसे में देखने में आ रहा है कि बांग्लादेश में फिर स्थिति खराब होती जा रही है. आखिर क्या है मामला?
बांग्लादेश में एक नए राजनीतिक संकट की आशंका है. अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस और सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान के बीच टेंशन देखी जा सकती है. रिपोर्टों के अनुसार, चुनावों, सैन्य हस्तक्षेप और अंतरिम सरकार के विवादास्पद निर्णयों को लेकर दोनों पक्षों के बीच मतभेद उभरे हैं.
'कोई गलियारा नहीं बनेगा'
सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया है कि म्यांमार के साथ कोई गलियारा नहीं होगा. उन्होंने बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर प्रस्तावित 'मानवीय गलियारे' का जिक्र करते हुए तर्क दिया कि इससे बांग्लादेश की संप्रभुता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
अंतरिम सरकार ने पहले म्यांमार के रखाइन राज्य तक पहुंचने के लिए एक सुरक्षित मार्ग का विचार पेश किया था. हालांकि, बांग्लादेश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने बाद में स्पष्ट किया कि सरकार ने इस मुद्दे पर कभी चर्चा नहीं की.
सरकार ने पहले संकेत दिया था कि वह म्यांमार में मानवीय संकट के कारण वहां सहायता (खाद्य और दवाइयां) पहुंचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के संपर्क में है.
'सरकार सशस्त्र बलों को अंधेरे में रख रही है'
सेना प्रमुख ने अंतरिम सरकार द्वारा सशस्त्र बलों को अंधेरे में रखते हुए लिए गए कुछ निर्णयों पर भी चिंता व्यक्त की. ढाका में सभी अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए, सेना प्रमुख ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को 'महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय सशस्त्र बलों को अंधेरे में रखने' के लिए जिम्मेदार ठहराया.
'दिसंबर तक चुनाव कराएं'
विधानसभा के दौरान, सेना प्रमुख ने सरकार को यह भी स्पष्ट कर दिया कि 'दिसंबर तक चुनाव कराए जाने चाहिए' और केवल एक 'निर्वाचित सरकार' को ही देश का मार्ग निर्धारित करना चाहिए, न कि ऐसा प्रशासन जो लोगों के प्रति जवाबदेह न हो.
जनरल वेकर-उज-जमान ने आगे कहा कि सेना पिछले कई महीनों से बांग्लादेश में व्याप्त भीड़ हिंसा या अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेगी.
बांग्लादेश का हाल
अगस्त 2024 में यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था के बिगड़ने से उपद्रवी और कुछ राजनीतिक दलों के समर्थक धमकी और हत्या जैसे आपराधिक कृत्यों में शामिल हो गए. यह अराजकता पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपदस्थ किये जाने के बाद उत्पन्न हुई, जिसमें पुलिस बल अव्यवस्थित हो गया तथा व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना को आगे आना पड़ा.
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने जनरल वकर-उज-जमान के भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इस बात पर बल दिया कि 1971 के मुक्ति संग्राम की विरासत और उससे जुड़ा राष्ट्रीय गौरव असंगत है और इससे समझौता नहीं किया जाना चाहिए.
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