Murshidabad violence bangladesh connection: बांग्लादेश में जबसे सत्ता बदली है, तभी से युनूस के सूर भी बदल गए हैं. कभी चीन के सामने हाथ फैलाते हैं, तो कभी खुद को बंगाल की खाड़ी का गार्जियन बताते हैं. युनूस की इस बतोलेबाजी पर ट्रांस-शिपमेंट रोककर, भारत सरकार ने बढ़ियां शिकंजा कसा है, लेकिन हालात अब कुछ ऐसे हो गए हैं कि युनूस को पक्के इलाज की जरूरत है. बता दें, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध में हिंसा भड़क उठी थी. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, भड़की हिंसा के पीछे बांग्लादेशी कट्टरपंथियों और एक राजनीतिक दल के स्थानीय नेताओं की संलिप्तता सामने आई है. जिसके बाद से भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए सीमा सुरक्षा बल (BSF) को अलर्ट कर दिया है.
बांग्लादेशी गुटों की भूमिका का दावा
वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा के पीछे बांग्लादेश का हाथ सामने आया है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, जामात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से जुड़े तत्व हिंसा में शामिल थे. जिसके बाद से केंद्र सरकार ने हालात पर नजर बनाए रखने के लिए केंद्रीय और राज्य बलों की तैनाती कर रही है.
IDRW ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मुर्शिदाबाद में हिंसा के पीछे बांग्लादेश आधारित कट्टरपंथी संगठन से जुड़े लोगों का हाथ था. हिंसा भड़काने वालों को एक स्थानीय राजनीतिक दल के कुछ नेताओं का सहयोग भी प्राप्त था.
केंद्र सरकार ने राज्य को चेताया
केंद्र सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है. केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने 12 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ वर्चुअल बैठक कर स्थिति की समीक्षा की थी.
बैठक में केंद्र ने राज्य सरकार से अन्य संवेदनशील जिलों में भी सतर्कता बरतने और स्थिति सामान्य करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था. जिसके बाद आई खुफिया रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि बांग्लादेश अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. यूनुस सरकार अपने बयानों से न केवल भारत को भड़का रहा है, बल्कि हिंसा में सीधे संलिप्तता सामने आ रही है.
सीमा पर सख्त निगरानी के निर्देश
वहीं दूसरी ओर, भारत सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है. भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह की अवैध घुसपैठ न हो, इसके लिए सख्त निगरानी रखी जाए. केंद्रीय बलों के साथ-साथ राज्य पुलिस को भी हालात काबू में लाने के लिए तैनात किया गया है.
कहां-कहां हुई हिंसा?
हिंसा मुर्शिदाबाद के सुत्ती, धूलियन और जंगीपुर इलाकों में फैली, जहां शुक्रवार और शनिवार को वक्फ अधिनियम में बदलाव को लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसक झड़पों में बदल गया. इसमें तीन लोगों की जान चली गई और कई घायल भी हो गए.
हालांकि, स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. अधिकारियों के मुताबिक, बीते 48 घंटों में किसी नई हिंसक घटना की सूचना नहीं मिली है. दुकानें फिर से खुल रही हैं और विस्थापित परिवार अपने घर लौटने लगे हैं. BSF, CRPF, राज्य पुलिस और RAF की भारी तैनाती इन इलाकों में अब भी बनी हुई है.
यूनुस पर शिकंजा कसने की जरूरत?
बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख यूनुस भारत के लिए कहीं नासूर बन जाए, उससे पहले भारत सरकार को शिकंजा कसने की जरूरत है. भारत न केवल बांग्लादेश को कई मोर्चे पर बचाता है, बल्कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी सहयोग देता है. बांग्लादेश को भारत से कपास, पेट्रोलियम उत्पाद, अनाज, केमिकल्स, मशीनरी, वाहन, लौह और इस्पात, प्लास्टिक और फार्मास्यूटिकल्स देता है. अगर भारत यह सब रोक दे तो बांग्लादेश पूरी तरह चरमरा जाएगा.
यूनुस जो खुद बिना किसी चुनावी प्रक्रिया के सत्ता में बैठे हैं, उन्हीं पर बांग्लादेश के कई संगठन सवाल खड़े कर रहे हैं. ऐसे में, भारत को बांग्लादेश पर चुनाव बहाली के लिए दबाव बनाना चाहिए. जो न केवल बांग्लादेश के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि भारत को भी बांग्लादेश से मजबूत संबंध स्थापित करने में मदद मिलेगी.
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