Brahmos Missile of India: भारत और पाकिस्तान में हुए तनाव के बीच भारत की एक मिसाइल ने खूब चर्चा बटोरी. अब पूरी दुनिया इस मिसाइल की 'जबरा फैन' हो गई है. इस मिसाइल का नाम ब्रह्मोस है, इसका नाम तो आपने सुना ही होगा. ब्रह्मोस भारत का 'ब्रह्मास्त्र' भी कहलाती है. ब्रह्मोस की ताकत पर दुनिया इतनी फिदा हो गई है कि 17 देशों ने इसे खरीदने का विचार किया है. इसके चाहने वालों में चीन के दुश्मन और भारत के दोस्त का नाम भी शुमार है.
चीन का दुश्मन खरीद रहा ब्रह्मोस
चीन के दुश्मन देश फिलीपींस को 'ब्रह्मोस' मिसाइल बहुत पसंद आई. फिलिपींस ने 4000 करोड़ रुपये में ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने की डील भारत के साथ की. फिलीपींस को को ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप तो मिल चुकी है.. यह भारत को मिला ब्रह्मोस मिसाइल का पहला निर्यात ऑर्डर था. भारत के मित्र देश फिलीपींस ने 3 बैटरी मिसाइलें खरीदी हैं. कहा जा रहा है कि वह इन्हें दक्षिण चीन सागर में चीन को काउंटर करने के लिए तैनात करेगा.
ये देश भी खरीद रहे ब्रह्मोस मिसाइल
भारत से इंडोनेशिया भी ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने का विचार कर रहा है. 450 मिलियन डॉलर का सौदा करने पर विचार कर रहा है. इसके अलावा, अफ्रीकी देशों, लैटिन अमेरिकी देशों और मिडिल ईस्ट के देशों में ब्रह्मोस मिसाइल का बोलबाला है. मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका के देश इसमें विशेष रुचि इसलिए दिखा रहे हैं, क्योंकि वे इसे सुखोई-30 लड़ाकू विमान के साथ लैस करना चाहेंगे.
ऑपरेशन सिंदूर ने बढ़ाई ब्रह्मोस पर विश्वसनीयता
ये पहली बार है जब भारत ने किसी देश पर ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया और ये प्रयोग पूरी तरह सफल रहा. ऐसे में बाकी देशों की भी इस मिसाइल पर विश्वसनीयता बढ़ी है. भारत का लक्ष्य है कि 2025 तक 5 बिलियन USD की कीमत के हथियार निर्यात हों. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल अहम भूमिका अदा कर सकती है.