Britain in worse situation: ब्रिटेन अब अमीर देश नहीं रहा है. एक थिंक टैंक द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, ब्रिटेन के कुछ सबसे गरीब परिवार स्लोवेनिया और माल्टा से भी बदतर स्थिति में हैं.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक एंड सोशल रिसर्च (NIESR) ने कहा कि दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में ब्रिटेन की रैंकिंग के बावजूद, 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से देश के अमीर और गरीब क्षेत्रों के बीच असमानता और भी गहरी और बदतर हो गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है, 'स्लोवेनिया और माल्टा के सबसे गरीब परिवार अब ब्रिटेन के लोगों से बेहतर स्थिति में हैं.' रिपोर्ट में इस गिरावट का कारण 2008 के वित्तीय संकट के बाद से स्थिर वास्तविक आय को बताया गया है. दूसरी तरफ अन्य यूरोपीय देशों में स्थिर आय वृद्धि देखी गई है और ब्रिटेन पीछे रह गया है.
रिपोर्ट क्या कहती है?
रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन OECD में सबसे कम उदार कल्याण प्रदाताओं (Generous Welfare Providers) में से एक है. रिपोर्ट में क्या कहा गया?
-GDP के प्रतिशत के रूप में कल्याण हेतु कार्य में खर्च के मामले में यूके OECD देशों के बीच में है.
-औसत वेतन के प्रतिशत के रूप में मापे गए कल्याण मूल्य के मामले में देश तीसरे सबसे निचले स्थान पर है.
-महामारी के दौर में प्रति सप्ताह £20 के यूनिवर्सल क्रेडिट अपलिफ्ट को छोड़कर, कल्याण भुगतानों ने पिछले 14 वर्षों में से केवल दो वर्षों में आवश्यक लागतों को कवर किया है.
रिपोर्ट में यूके को न तो उच्च-मजदूरी और न ही उच्च-कल्याणकारी वाला देश बताया गया. कमजोर वेतन वृद्धि और कल्याण खर्च में कटौती ने जीवन स्तर के दो मुख्य स्रोतों को सीमित कर दिया है.
उत्पादकता (Productivity) में बढ़ोतरी ना होने के कारण वेतन काफी प्रभावित हुआ है. यदि यूके में वेतन 2008 के बाद अमेरिका की तरह ही बढ़ता, तो ब्रिटिश कर्मचारी प्रति वर्ष £4,300 अमीर होते.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि:
-उत्पादकता में कमी ने पिछले 15 वर्षों में वेतन में बढ़ोतरी ना होने पर सीधे तौर पर योगदान दिया.
-2010 के दशक में मजबूत उत्पादकता वृद्धि वाले देशों में सबसे अधिक वेतन वृद्धि देखी गई.
NIESR ने कहा, 'ब्रिटेन के सबसे गरीब 10% लोग नकदी के मामले में स्लोवेनिया और माल्टा के अपने समकक्षों से बेहतर स्थिति में हो सकते हैं, लेकिन ब्रिटेन की हाई क्लास सोसाइटी में लागत को ध्यान में रखते हुए वे पीछे रह गए.'
यूके में मजदूरी
द टेलीग्राफ ने स्टडी के हवाले से कहा कि बर्मिंघम और इंग्लैंड के उत्तर-पूर्व के कुछ हिस्सों में जीवन-यापन का स्तर स्लोवेनिया और लिथुआनिया के सबसे गरीब हिस्सों से भी बदतर है.
NIESR के अर्थशास्त्री मैक्स मोस्ले ने कहा कि अगर ब्रिटेन में विकास और मजदूरी अमेरिका के बराबर होती तो औसत ब्रिटिश कर्मचारी प्रति वर्ष 4,000 पाउंड (4.5 लाख रुपये) अमीर होता.
मोस्ले ने द टेलीग्राफ को बताया, 'पिछले दशक में आर्थिक ठहराव अब उच्च जीवन-यापन वाले स्थान के रूप में ब्रिटेन की स्थिति को खतरे में डाल रहा है. कम उत्पादकता वृद्धि के कारण वास्तविक मजदूरी में शून्य वृद्धि और कल्याण में कटौती के परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां हम न तो उच्च मजदूरी के माध्यम से समृद्धि प्रदान कर रहे हैं और न ही कल्याण के माध्यम से सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं.'
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
थिंक-टैंक ने कहा कि अतिरिक्त कल्याणकारी लाभों के लिए ब्रिटेन की दो-बच्चे की नीति को हटाना गरीबी को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है. कहा गया है कि वैल्यू एडेड टैक्स की दरों में कटौती से कम आय वाले परिवारों को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि वे अपनी आय का बड़ा हिस्सा आवश्यक वस्तुओं पर खर्च करते हैं.
ब्रिटेन की चांसलर रेचल रीव्स कल्याण लाभों में कटौती पर विचार कर रही हैं. दरअसल, वह 26 मार्च को सार्वजनिक वित्त पर अपडेट देंगी. वालेस ने कहा कि ब्रिटेन अब उतना समृद्ध नहीं है जितना नागरिक सोचते हैं.
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